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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मंगलवार की सुबह जिले का मौसम अचानक बदल गया। छठ पर्व के मौके पर जब लोग घाटों पर पूजा की तैयारी में जुटे थे, तभी आसमान में अचानक बादल छा गए और कई इलाकों में तेज हवा के साथ हल्की बारिश शुरू हो गई। कुछ ही देर में तापमान गिर गया और ठंड का असर महसूस होने लगा। दोपहर तक थोड़ी बहुत धूप तो निकली, लेकिन बादलों ने सूरज को ढक रखा था, जिससे गर्मी का एहसास नहीं हुआ।

मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने की संभावना जताई है। कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश भी हो सकती है। यह बारिश किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है क्योंकि धान की कटाई का समय शुरू हो चुका है। चार अक्टूबर की भारी बारिश के बाद से कई खेतों में अब भी पानी जमा है, जिससे फसल की कटनी प्रभावित हो रही है।

धान की फसल पककर तैयार है, लेकिन खेतों में पानी भरने और अब दोबारा बारिश की संभावना ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। अगर बारिश जारी रही, तो खड़ी फसल पर पानी गिरने से दाने काले पड़ सकते हैं, जिससे उपज पर असर पड़ेगा।

गांव के किसान किशोर सिंह, वशिष्ठ पांडेय और ओम प्रकाश राय बताते हैं कि करीब 25 दिन पहले हुई बेमौसम बारिश का असर अभी तक खत्म नहीं हुआ है। अगर एक बार फिर तेज वर्षा हुई तो फसलों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है और कटनी का काम पीछे चला जाएगा।

कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जहां फसल कटने के लिए तैयार है, वहां तुरंत कटनी कर फसल को सुरक्षित स्थान पर रख लें।

छठ पर्व के अवसर पर जिले में उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पिकनिक मनाने की परंपरा रही है। ऐसे दिनों में बाजार आमतौर पर शांत रहते हैं। मंगलवार को भी ऐसा ही रहा, लेकिन अगर मौसम की यह स्थिति लंबी चली तो कारोबार पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है।

डॉ. एस.एन. शुक्ला के अनुसार, तापमान में अचानक गिरावट से सर्दी-जुकाम और वायरल संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम ठंडी हवा से बचना चाहिए और गरम कपड़े पहनने चाहिए।

नगर के व्यापारी भी इस मौसम से खासे चिंतित हैं। चार अक्टूबर की बारिश और जलजमाव की परेशानी अभी तक लोगों की यादों में ताजा है। उस समय सुप्रिया रोड, हॉस्पिटल रोड और उत्तरवारी पोखरा जैसे कई इलाके कई दिनों तक पानी में डूबे रहे थे। दुकानों में पानी घुस जाने से व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ था।

अब जब मंगलवार को आसमान में फिर से बादल घिरे, तो लोगों के चेहरे पर चिंता लौट आई। व्यापारियों का कहना है कि अगर दोबारा तेज बारिश हुई, तो जल निकासी की पुरानी समस्या फिर सामने आएगी और कारोबार एक बार फिर प्रभावित होगा।