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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लोगों को अपने खान-पान को लेकर कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि किन ड्रिंक्स का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वरना आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

सोडा किडनी के लिए सबसे हानिकारक पेय पदार्थों में से एक है। डार्क सोडा में मौजूद फॉस्फोरिक एसिड गुर्दे में पथरी बना सकता है और समय के साथ किडनी को नुकसान पहुँचा सकता है। ज़्यादा चीनी से मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह बढ़ता है, जिससे किडनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

शोध यह भी दर्शाते हैं कि बहुत ज़्यादा कोला पीने से मूत्र की रासायनिक संरचना बदल जाती है और पथरी बनने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए, डार्क सोडा का सेवन कम करने या पूरी तरह बंद करने से लंबे समय तक किडनी की सुरक्षा हो सकती है। पानी और हाइड्रेशन इसमें अहम भूमिका निभाते हैं।

नींबू या लाइम के साथ स्पार्कलिंग पानी पीना एक बेहतर विकल्प है। यह शरीर को आराम देने में मदद करता है और खनिज असंतुलन या अतिरिक्त चीनी जैसी समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकता है।

एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन, चीनी और उत्तेजक पदार्थों की इतनी ज़्यादा मात्रा होती है कि ये किडनी पर बहुत ज़्यादा दबाव डालते हैं। ज़्यादा कैफीन से पेशाब बढ़ जाता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो जाता है और किडनी के लिए गाढ़े खून को छानना मुश्किल हो जाता है।

उच्च चीनी वाले एनर्जी ड्रिंक्स रक्तचाप बढ़ाते हैं और किडनी पर चयापचय का बोझ बढ़ाते हैं। नियमित कॉफ़ी हानिकारक नहीं है, लेकिन बहुत अधिक कैफीन या चीनी किडनी पर दबाव को काफ़ी बढ़ा देती है।

ऐसे पेय इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बिगाड़ते हैं, क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकते हैं, और गुर्दे की पथरी और गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी का दीर्घकालिक जोखिम पैदा कर सकते हैं। सीमित मात्रा में और बिना चीनी के अच्छी गुणवत्ता वाली कॉफी पीना सुरक्षित माना जाता है।

स्पोर्ट्स ड्रिंक्स मूल रूप से ज़ोरदार वर्कआउट के लिए डिज़ाइन किए गए थे, लेकिन इन्हें रोज़ाना पीने से किडनी पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है। इनमें चीनी, कृत्रिम मिठास और रंग होते हैं, जिन्हें किडनी के लिए फ़िल्टर करना मुश्किल होता है।

स्मूदी को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, लेकिन पालक, केल और बादाम का ज़्यादा सेवन ऑक्सालेट के स्तर को काफ़ी बढ़ा सकता है। इससे कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन का ख़तरा बढ़ जाता है, और प्राकृतिक शर्करा भी किडनी पर बोझ बढ़ा देती है।

गुर्दे की समस्याएँ धीरे-धीरे विकसित होती हैं और शुरुआत में पता भी नहीं चलतीं। सोडा कम करना, एनर्जी ड्रिंक्स कम करना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जैसे छोटे-छोटे बदलाव लंबे समय तक गुर्दे की रक्षा कर सकते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स व फ़िल्टरेशन में सुधार कर सकते हैं।