
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुंबई और महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुंबई, ठाणे, पालघर और नवी मुंबई के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव के कारण हालात खराब हैं। मौसम विभाग ने ठाणे और पालघर जिलों के लिए 18-19 अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके चलते स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। नांदेड़ जिले में 200 से ज़्यादा लोग फंस गए हैं, जिन्हें सेना की मदद से निकालना पड़ा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुष्टि की है कि अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
#WATCH | Maharashtra: Waterlogging seen as heavy rain lashes Mumbai. Visuals from Andheri Subway. pic.twitter.com/UCS5khQm2Y
— ANI (@ANI) August 19, 2025
बाढ़ के कारण भूस्खलन और बचाव कार्य
मुंबई के अंधेरी और बोरीवली में सिर्फ़ तीन घंटों में हुई भारी बारिश के कारण 50 मिमी से ज़्यादा पानी भर गया है। अगले कुछ घंटों में बोरीवली से चर्चगेट तक के इलाकों में बारिश तेज़ होने की आशंका है। कल्याण के जय भवानी नगर इलाके में नेतिवली पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ, जिसके बाद स्थानीय निवासियों को पास के एक नगर निगम स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके लिए खाने-पीने और रहने की व्यवस्था भी की गई है। ज़िला प्रशासन ने यहाँ सेना और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं।
फसलें नष्ट, 800 गांव प्रभावित
फडणवीस ने मंत्रालय स्थित आपातकालीन केंद्र से स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि रत्नागिरी, रायगढ़ और हिंगोली जिलों में भी भारी बारिश हुई है। विदर्भ क्षेत्र में दो लाख हेक्टेयर से ज़्यादा फसलें बर्बाद हो गईं और 800 गाँव प्रभावित हुए हैं। मुंबई में 8 घंटे में 170 मिमी बारिश हुई, जिससे 14 जगहों पर जलभराव हो गया, हालाँकि सिर्फ़ दो जगहों पर यातायात बाधित हुआ।
उन्होंने कहा कि अगले 10-12 घंटे बेहद अहम हैं और स्थानीय निकायों को छुट्टी घोषित करने का अधिकार दिया गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले पाँच दिनों में छह लोगों की मौत हो चुकी है और 205 पशुधन की मौत हो चुकी है।
आदित्य ठाकरे ने बीएमसी और सरकार पर उठाए सवाल
बारिश और जलभराव के बीच शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने बीएमसी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक घोटाले की वजह से मुंबई की सड़कों की हालत खराब है और बारिश में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि चुनाव न होने की वजह से राज्य सरकार तीन साल से बीएमसी को नियंत्रित कर रही है और उसमें जवाबदेही का अभाव है। मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि सभी एजेंसियां लगातार स्थिति पर नज़र रख रही हैं और बचाव अभियान जारी है।