Prabhat Vaibhav,Digital Desk : धनतेरस के पावन अवसर पर अन्नपूर्णा माता का दरबार आम भक्तों के लिए खुलते ही जैसे आशीर्वाद का खजाना बंटने लगा। मंदिर के दरबार में दर्शन पाने के लिए भक्तों की भीड़ एक दिन पहले से ही मंदिर के पास जमा होने लगी। भक्तों की इस भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली थी।
स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए शुक्रवार को अस्थायी सीढ़ी लगाई गई, ताकि सभी श्रद्धालु आराम से गर्भगृह तक पहुँच सकें। मंदिर की गलियों और मुख्य मार्गों पर स्टील की बैरिकेडिंग कर भीड़ नियंत्रण को आसान बनाया गया। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और विद्युत झालरों से सजाया गया था, जिससे यह और भी दिव्य रूप में दिखाई दे रहा था।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के दर्शन की संभावना है। सभी भक्तों को कतारबद्ध तरीके से प्रवेश देने के लिए स्टील की बैरिकेडिंग और व्यवस्थाएं की गई हैं। दूर-दराज से आए भक्त दोपहर से ही अपने स्थान पर बैठ गए, ताकि भोर होते ही माता के दर्शन कर सकें और आशीर्वाद ग्रहण कर सकें। महंत शंकरपुरी महाराज ने कहा कि भक्तों के सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरी योजना बनाई गई है।
शंकरपुरी विधि से पूजन-अर्चन के बाद भक्तों के लिए पट खोला गया और भोर के समय दर्शन शुरू हुए। भक्त प्रसाद और आशीर्वाद पाकर अत्यंत प्रसन्न नजर आए। कई श्रद्धालु घंटों तक कतार में खड़े रहकर माता के जयकारे लगाते रहे। देर रात से ही मंदिर परिसर भक्तों की आवाजों और भक्ति से गूंज रहा था।
धनतेरस के इस अवसर पर भक्तों की आस्था और श्रद्धा का दृश्य बेहद मनोहारी था। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ और उत्साह यह दर्शाता है कि माता अन्नपूर्णा के प्रति लोगों की भक्ति कितनी गहरी है। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव इंतजाम किए हैं। भले ही दर्शन के लिए कतार लंबी हो, लेकिन भक्तों की श्रद्धा और आस्था उन्हें इस कठिनाई का सामना करने की प्रेरणा देती है।
इस तरह, इस बार भी अन्नपूर्णा दरबार ने भक्तों का स्वागत भव्यता और श्रद्धा के साथ किया। लंबी कतारें और भक्तों की भक्ति इस बात का प्रमाण हैं कि आस्था और प्रेम का कोई मोल नहीं होता।




