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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आरटीआई के जरिए सामने आई जानकारी में दावा किया गया कि बिहार और केंद्र सरकार के कई नेता एक साथ वेतन और पेंशन ले रहे हैं। इस सूची में राज्यसभा सांसद और रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का नाम भी शामिल बताया गया। मामला सामने आते ही कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खुद स्पष्टीकरण जारी किया और पूरी खबर को तथ्यहीन बताया।

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद के कुछ पूर्व सदस्यों के पेंशन लेने को लेकर मीडिया में जो रिपोर्टें सामने आई हैं, वे अधूरी जानकारी पर आधारित हैं। कुशवाहा के अनुसार, आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में सिर्फ पेंशन शुरू होने की तारीख दर्ज है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किस अवधि में पेंशन ली गई और कितनी राशि मिली। ऐसे में अधूरे विवरण के आधार पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी एक साथ वेतन और पेंशन नहीं ली। उन्होंने कहा कि जब वे किसी सदन के सदस्य नहीं रहे, सिर्फ उसी अवधि में उन्होंने पेंशन ली है। सदन में रहते हुए उन्होंने केवल उस सदन से भुगतान प्राप्त किया और पेंशन लेने का प्रश्न ही नहीं उठता।

उन्होंने बताया कि फिलहाल वे राज्यसभा सदस्य हैं, इसलिए उन्हें राज्यसभा से वेतन मिलता है और विधानसभा या विधान परिषद से किसी भी तरह की पेंशन नहीं ले रहे। उन्होंने कहा कि नियम भी यही है कि कोई व्यक्ति एक साथ किसी सदन से वेतन और दूसरी जगह से पेंशन नहीं ले सकता, और वे इस नियम का पूरी तरह पालन करते हैं।