
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, इंजीनियर, समाज सुधारक और इनोवेटर सोनम वांगचुक को बिना शर्त रिहा करने की मांग उठाई है। इस मामले में यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि वांगचुक ने भारतीय सेना के लिए सोलर-हीटेड टेंट जैसी तकनीक विकसित की, जिससे बर्फीले पहाड़ों में जवान आसानी से रह सकें। उनकी इस अद्भुत प्रतिभा के लिए उन्हें Global Awards for Sustainable Architecture 2017 और Raman Magsaysay Award 2018 जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
साथ ही बताया गया कि देश और दुनिया के कई अन्य पुरस्कार भी उन्हें प्राप्त हुए हैं। दुनियाभर के आठ प्रमुख विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद डॉक्टरेट उपाधि प्रदान की। लद्दाख में उन्होंने शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
यूकेडी ने यह भी कहा कि वांगचुक ने चीन के अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई और लद्दाख में चीनी निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार किया। ऐसे कार्यकर्ताओं को देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप में गिरफ्तार करना भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
यूकेडी जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह रौतेला और विरेंद्र सिंह बंगारी सहित कई अन्य नेताओं ने धरने में हिस्सा लिया।
अन्य प्रमुख मांगें
यूकेडी ने वांगचुक की रिहाई के अलावा निम्नलिखित मांगें भी उठाईं:
उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैंरसैण घोषित करना
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
कार्यकर्ताओं का कहना है कि विकास के नाम पर सरकारी धन की खुली लूट और महंगाई के चलते जनता परेशान है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।