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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस विजन के तहत राज्य की हर पंचायत में एक पंचायत सरकार भवन बनाया जा रहा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक मिनी सचिवालय की तरह काम करेगा। इन भवनों के निर्माण से न सिर्फ ग्रामीणों को एक ही जगह पर सभी सरकारी सेवाएं मिल सकेंगी, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

फिलहाल राज्य की 8053 पंचायतों में से 2600 पंचायतों में भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इनमें से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1187 भवन और सामान्य क्षेत्रों में 1488 भवन बनाए जा रहे हैं। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि के अनुसार, 2000 भवनों पर काम शुरू हो चुका है जबकि बाकी 400 भवनों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।

इन पंचायत सरकार भवनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। ये दो मंजिला होंगे और बाढ़ग्रस्त इलाकों में इनका क्षेत्रफल 9538 वर्गफीट होगा, जबकि सामान्य क्षेत्रों में 7202 वर्गफीट। भवनों में निर्वाचित प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के लिए कार्यालय, ग्राम कचहरी, दस्तावेजों के लिए संग्रहण कक्ष, मीटिंग हॉल, नागरिक स्वागत कक्ष, आवासीय खंड, डाकघर और सेवा केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

इस पहल से पंचायतों का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री की यह योजना बिहार के गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।