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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बुखार एक ऐसा लक्षण है जिसके बारे में सुनते ही ज़्यादातर लोग तुरंत दवा लेने के बारे में सोच लेते हैं। लेकिन क्या वाकई बुखार चढ़ते ही गोली ले लेनी चाहिए? यह सवाल अक्सर हर किसी के मन में आता है। कई बार लोग हल्का बुखार आते ही पैरासिटामोल या दूसरी दवाइयाँ ले लेते हैं, लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि हर बार ऐसा करना ज़रूरी या उचित नहीं है। दरअसल, बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर का एक संकेत है कि अंदर कोई संक्रमण या समस्या है। ऐसे में दवा कब लेनी है और कितनी देर तक इंतज़ार करना है, इस बारे में डॉक्टर्स की राय जानना ज़रूरी है।

डॉ. महेश हीरानंदानी कहते हैं कि बुखार होने पर तुरंत दवा लेना उचित नहीं है। हल्के बुखार में शरीर को संक्रमण से लड़ने का मौका देना चाहिए। अगर तापमान 100 या 101 डिग्री तक है और मरीज़ को ज़्यादा परेशानी नहीं है, तो दवा लेने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन अगर बुखार 102 डिग्री से ऊपर चला जाए, सिरदर्द, बदन दर्द या कमज़ोरी हो, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवा लेनी चाहिए।

दवा कब लेनी चाहिए?

  • यदि बुखार 101-102 डिग्री से अधिक हो
  • किसी बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति या पहले से बीमार किसी व्यक्ति को तेज बुखार हो।
  • बुखार के साथ सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना या उल्टी भी होती है।
  • बुखार 2 दिनों तक रहता है

तुरंत दवा न लेने के फायदे

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
  • संक्रमण से लड़ने की प्राकृतिक क्षमता बनी रहती है
  • अनावश्यक दवा लेने से बचने का एक उपाय है, जिससे लिवर और किडनी पर दबाव नहीं पड़ेगा।

डॉक्टर से तुरंत कब संपर्क करें?

  • यदि बच्चे को बुखार और दौरे पड़ रहे हों
  • बुखार के साथ सांस लेने में कठिनाई या गंभीर खांसी
  • बुखार लगातार 3 दिनों तक रहता है
  • बुखार के साथ बेहोशी या भ्रम की स्थिति भी हो सकती है।

बुखार शरीर का एक प्राकृतिक संकेत है जो हमें बताता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ है। हर बार बुखार आने पर तुरंत दवा लेना सही तरीका नहीं है। हल्के बुखार में आराम करना और पर्याप्त पानी पीना ही काफी है। लेकिन अगर बुखार बढ़ जाए या लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे सुरक्षित उपाय है।