
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ में उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों के कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से एक ख़ास मुलाकात की। इस मुलाकात का मकसद था UPPCL (उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) में चल रही कुछ नई नीतियों और कर्मचारियों से जुड़ी दिक्कतों को सीधे मंत्री जी के सामने रखना। लगभग 40 मिनट चली इस बैठक में मंत्री जी ने सभी कर्मचारी संगठनों की बात को ध्यान से सुना।
कर्मचारी संगठनों ने मुख्य रूप से कुछ बड़ी आपत्तियां और मांगें रखीं। सबसे पहले, उन्होंने दूसरे राज्यों से सीधे भर्ती के ज़रिए जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर जैसे तकनीकी पदों पर नियुक्ति का विरोध किया। उनका तर्क था कि जब उत्तर प्रदेश में ही इतनी प्रतिभा मौजूद है, तो बाहर से इंजीनियरों की भर्ती क्यों की जा रही है? इससे प्रदेश के युवाओं को नुक़सान हो रहा है। साथ ही, कुछ पदों को खत्म करके उनकी जगह बाहरी एजेंसी (आउटसोर्सिंग) से काम करवाने के फ़ैसले पर भी कर्मचारियों ने गहरी चिंता जताई। उन्हें लगता है कि इससे नौकरियों की सुरक्षा कम होगी और काम की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
कर्मचारियों ने अपनी करियर ग्रोथ के लिए भी कुछ अहम मांगें रखीं। उन्होंने चाहा कि उन्हें 5 से 6 बार तक पदोन्नति (प्रमोशन) का मौका मिले, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। एक और महत्वपूर्ण मुद्दा UPPCL के चेयरमैन के पद को लेकर था। संगठन चाहते हैं कि यह पद किसी प्रशासनिक अधिकारी (IAS) के बजाय किसी तकनीकी जानकर व्यक्ति को मिले, जिन्हें बिजली विभाग की बारीकियों की बेहतर समझ हो। उन्होंने 1/2022 विज्ञापन में दी गई जानकारी पर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सभी संगठनों को यह भरोसा दिया कि उनकी सभी मांगों और चिंताओं पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों पर गौर करने के लिए पहले से ही एक समिति (कमेटी) बना दी गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि समस्याओं को हल करने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन सरकार कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए ही कोई फ़ैसला लेगी।
इस बैठक से कर्मचारी संगठनों को थोड़ी राहत मिली है और वे सरकार से जल्द ही कोई सकारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। अब देखना होगा कि बनी हुई समिति की सिफारिशें क्या होती हैं और कर्मचारियों की मांगों पर क्या एक्शन लिया जाता है।