
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि पति की मृत्यु के बाद अलग रह रही पत्नी को पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का यह अधिकार नियोक्ता के रिकॉर्ड में पति द्वारा नामित बेटों के अधिकारों से ऊपर है। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उर्मिला सिंह नामक महिला की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। उर्मिला सिंह अपने पति से अलग रहती थीं और पूरी तरह से 8,000 रुपये के मासिक भरण-पोषण पर निर्भर थीं। याचिकाकर्ता के पति सहायक अध्यापक थे और 2016 में सेवानिवृत्ति के बाद 2019 में अपनी मृत्यु तक पेंशन ले रहे थे।
याचिकाकर्ता ने अपने पति की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन के लिए आवेदन किया था, जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि पेंशन राशि के लिए पति द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में उसका नाम परिवार के सदस्यों में शामिल नहीं था। याचिकाकर्ता ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसमें दावा किया गया था कि वह एक सहायक शिक्षक की पत्नी है और उसे ग्राम प्रधान के प्रमाण पत्र से प्रमाणित 8,000 रुपये का गुजारा भत्ता मिल रहा है। न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ता 62 वर्ष की है और अपने पति से गुजारा भत्ता प्राप्त कर रही है और पारिवारिक पेंशन की हकदार है।
अदालत ने 27 जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि "पारिवारिक पेंशन कानूनी है और कर्मचारी के एकतरफा नियंत्रण से परे है। पारिवारिक पेंशन को एक कानूनी अधिकार माना जाता है, भत्ता नहीं।" अदालत ने प्रतिवादी अधिकारियों को याचिकाकर्ता के पक्ष में पारिवारिक पेंशन जारी करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दावा किया था कि वह ग्राम प्रधान के प्रमाण पत्र के आधार पर अपने पति से गुजारा भत्ता ले रही है। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उर्मिला सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए अहम आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि पारिवारिक पेंशन कानूनी अधिकार है, भत्ता नहीं। पारिवारिक पेंशन कानूनी है और कर्मचारी के एकतरफा नियंत्रण से बाहर है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 62 साल की है और अपने पति से गुजारा भत्ता ले रही है, इसलिए वह पारिवारिक पेंशन पाने की पूरी हकदार है। कोर्ट ने 27 जुलाई को प्रतिवादी प्राधिकारियों को याचिकाकर्ता के पक्ष में तुरंत पारिवारिक पेंशन जारी करने का आदेश दिया था। इस फैसले से उन महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी जो अलग रहने के बावजूद अपने पति पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं।