
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता की एक नई कहानी लिखी जा रही है। इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी महिला रोजगार योजना को। यह योजना सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर नहीं बना रही, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय और उद्यमिता के नए आयाम छूने का मौका भी दे रही है।
योजना के मुख्य पहलू
1. आर्थिक सहायता
हर परिवार की एक महिला को शुरुआत में ₹10,000 की राशि दी जा रही है, जिसे आगे बढ़ाकर ₹2,00,000 तक किया जा सकता है। यह मदद महिलाओं को अपनी उद्यम यात्रा शुरू करने का भरोसा देती है।
2. स्वरोजगार के अवसर
महिलाएं सिलाई, ब्यूटी पार्लर, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों में अपना व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
3. हाट-बाजार सुविधा
राज्यभर में महिलाओं के उत्पाद बेचने के लिए विशेष बाजार विकसित किए जा रहे हैं, जिससे उनके उत्पादों को उचित मूल्य मिलता है।
4. जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG)
योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का किसी जीविका SHG से जुड़ना अनिवार्य है। यह समूह उन्हें व्यवसाय के संचालन और प्रबंधन में मदद करता है।
प्रेरणादायक कहानियां
दुलारी देवी (सुपौल): उन्होंने नर्सरी लगाकर पौधे बेचना शुरू किया और अब विदेशी प्रजाति की मछलियों के पालन की योजना बना रही हैं।
बसंती देवी (किशनगंज): फैशन उद्योग में कदम रखते हुए उन्होंने अपना क्लोथिंग ब्रांड शुरू करने की योजना बनाई है।
गुडिया देवी (भागलपुर): ज्वेलरी की दुकान खोलने के लिए योजना की राशि का उपयोग करेंगी।
बिहार में बदलाव
75 लाख महिलाएं लाभान्वित: योजना के तहत लाखों महिलाएं अपने परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उछाल: छोटे व्यवसाय अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण: यह पहल बिहार को उद्यमिता के नए युग में प्रवेश करा रही है।
इस योजना से महिलाओं को सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता नहीं मिल रही, बल्कि बिहार के विकास में उनका योगदान भी बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल राज्य की राजनीति में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर 2025 के विधानसभा चुनावों के दृष्टिकोण से।