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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में "आतंकवाद की मानवीय कीमत" नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्पष्ट संदेश दिया कि दुनिया को अब आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने वैश्विक समुदाय से एकजुट होने का आग्रह किया और कहा कि आतंकवादियों को किसी भी तरह की माफी नहीं दी जानी चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा, "आतंकवादियों को किसी भी हालत में मौका नहीं दिया जाना चाहिए। उन्हें छद्म के तौर पर देखना बंद करें और किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेल के आगे न झुकें।" उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलगाम हमले पर भारत की प्रतिक्रिया आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के संदेश को रेखांकित करती है।

'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम हमले का जिक्र

जयशंकर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि इस जघन्य कृत्य की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की है और मांग की है कि इसके दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए और न्याय दिया जाए।

'आतंकवाद हर जगह शांति के लिए खतरा है'

जयशंकर ने कहा, "अब यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवाद, चाहे वह कहीं भी हो, पूरे विश्व की शांति के लिए खतरा है। इसलिए, किसी भी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना आवश्यक है। आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह संयुक्त राष्ट्र के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है, जिसमें इसके लिए मानवाधिकार, नियम और मानदंड हैं।"

प्रदर्शनी में आतंकवाद की भयावहता को दिखाया गया

जयशंकर ने प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के दूतों, वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों, अधिकारियों और राजनयिकों की एक बड़ी सभा को संबोधित किया। डिजिटल प्रदर्शनी में दुनिया भर में हुए भीषण आतंकवादी हमलों को दिखाया गया है।

प्रदर्शनी में 1993 के मुंबई बम धमाकों, 2008 के मुंबई हमलों और 2024 के पहलगाम हमले जैसी घटनाओं के भयावह दृश्य और विवरण शामिल हैं। इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के नाम भी शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि यह प्रदर्शनी उन लोगों की आवाज़ है जो अब बोल नहीं सकते, जो हमसे दूर हो गए हैं और आतंकवाद के कहर से तबाह हुए जीवन की याद दिलाती है। यह उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि है जिनकी ज़िंदगी आतंकवाद ने छीन ली।

वैश्विक समुदाय की साझा जिम्मेदारी

अपने संबोधन में जयशंकर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा, "आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करना हम सभी की साझा और तत्काल जिम्मेदारी है। इसके लिए सिर्फ स्मरण की ही नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता की भी आवश्यकता है।"

उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का एक बड़ा संदेश है। उन्होंने कहा, "आतंकवादियों को कोई रियायत नहीं दी जानी चाहिए। परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकना नहीं चाहिए। आतंकवाद का समर्थन करने वालों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उनका सामना किया जाना चाहिए। आतंकवाद हर जगह शांति के लिए खतरा है।"