
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड में कृत्रिम बुद्धिमता (AI) के जरिए नवाचार, सुशासन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाए जा रहे हैं। इसी दिशा में शुक्रवार को देहरादून के होटल रमाडा में उत्तराखंड एआई इम्पैक्ट समिट आयोजित किया गया। इस समिट की थीम “हिल्स टू हाई-टेक” रखी गई थी। कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
जितिन प्रसाद ने कहा कि एआई हमारी जिंदगी में बेहद तेजी से प्रवेश कर रहा है। मोबाइल के मुकाबले यह तकनीक हजार गुना तेज है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि एआई का प्रभाव जमीन पर किस हद तक दिखाई दे। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि यह तकनीक सीधे आम जनता तक पहुंचे। तभी इसका असली लाभ मिलेगा। इसलिए “एआई फॉर ऑल” कार्यक्रम लाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह तकनीक केवल कुछ देशों तक सीमित नहीं रहेगी। भारत ने 34,000 GPU खरीद लिए हैं, जिनका उपयोग देशवासियों के लिए कम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। आगामी डिजिटल कुंभ 2027 को तकनीकी दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली बनाने की योजना है। इसमें क्राउड मैनेजमेंट, वैकल्पिक रास्ते, साफ-सफाई और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।
जितिन प्रसाद ने डेटा की अहमियत पर भी जोर दिया। भारत के पास ऐसे डेटा हैं जो दुनिया में कहीं नहीं मिलते। इसलिए भारतीय एआई मॉडल विश्वस्तरीय होगा। अब सरकारी काम फाइलों के बजाय डिजिटल माध्यमों पर संचालित होंगे। उन्होंने युवा प्रतिभाओं से अपील की कि “इम्पैक्ट समिट में भाग लें और दुनिया को दिखाएं कि हमारे पास कितना टैलेंट है।”
कार्यक्रम में हरिद्वार में खुली डेटा लैब और नए स्टार्टअप्स के नवाचारों पर चर्चा भी हुई। डिजिटल कुंड और एआई इन गवर्नेंस जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। पैनल डिस्कशन में नीति निर्माता, उद्योगपति और युवा प्रतिभाओं ने भाग लिया।
जितिन प्रसाद ने युवाओं को संदेश दिया कि अपनी सोच और विचारों को विकसित करें। होमवर्क या किसी भी कार्य में एआई सिर्फ मदद करेगा, विचार हमेशा अपने होने चाहिए। पॉलिसी मेकर्स को भी पुराने ढर्रे छोड़कर जनता और उद्योगपतियों के लिए आसान डिजिटल व्यवस्था बनानी चाहिए।
इस तरह उत्तराखंड एआई के जरिए नवाचार, डिजिटल गवर्नेंस और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।