
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का नामांकन शुरू हो चुका है, लेकिन दोनों बड़े गठबंधनों में अभी तक सीटों का बंटवारा तय नहीं हो पाया है। इसी बीच महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने अहम बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि बंटवारे में हो रही देरी का कारण क्या है।
पप्पू यादव का कहना है कि पहले राजद एक मजबूत और मास पार्टी थी, लेकिन अब तकनीकी दृष्टिकोण वाली पार्टी बन गई है। उन्होंने जोड़ा, “जब आप तकनीकी चीजों में फंसेंगे तो देरी तो होगी ही।”
सांसद ने कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के सम्मान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “पहले भी हमने कहा था कि सभी गठबंधन दलों को सम्मान मिलना चाहिए। राहुल गांधी के रहते कांग्रेस के अधिकार या सम्मान को कोई छीन नहीं सकता।”
वहीं, महागठबंधन में वामपंथी दलों की सीटों की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ हो रही है। माकपा को 4 सीटें, भाकपा को 8 और भाकपा-माले को 19 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन माले से चार सीटों को छोड़ने का दबाव भी बना हुआ है। इनमें औराई, तरारी, घोसी और पालीगंज सीटें शामिल हैं, जहां राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि, भाकपा-माले इन चार सीटों को छोड़ने को तैयार नहीं है। महागठबंधन की समन्वय समिति के एक सदस्य ने बताया कि वामपंथी दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। बंटवारे में देरी फिलहाल कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी के हिस्से की सीटों को लेकर है।