img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ी सफलता मिली है। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने उत्तराखंड के चमोली जिले में सुमना-लपथल सीमा चौकी से आगे टोपीडुंगा तक सड़क कटिंग का काम पूरा कर लिया है।
यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि लपथल घाटी में चीनी सेना की घुसपैठ की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।

चार साल के प्रयासों के बाद सड़क कटिंग पूरी

BRO कमांडर कर्नल अंकुर महाजन के अनुसार, यह सड़क कार्य पिछले चार वर्षों से जारी था।
अब तक सुमना सीमा चौकी तक ही सड़क पहुंची थी, लेकिन अब 69.69 किलोमीटर लंबी सड़क का कटिंग कार्य टोपीडुंगा तक पूरा हो गया है।
अब इस मार्ग पर डामरीकरण और अन्य निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सके।

पहले केवल पैदल आवाजाही होती थी

पहले इस क्षेत्र में लोगों को पैदल चलकर ही सुमना तक पहुंचना पड़ता था।
अब सड़क बन जाने से सेना की तैनाती, सामग्री आपूर्ति और स्थानीय लोगों की आवाजाही काफी आसान हो जाएगी।
यह मार्ग ज्योतिर्मठ-मलारी-नीती हाईवे से जुड़ा है, और मलारी से सुमना के लिए अलग सड़क निकलती है।
हालांकि, इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए अब भी इनर लाइन परमिट अनिवार्य है।

रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम क्षेत्र

लपथल घाटी पहले भारत-तिब्बत व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करती थी।
लेकिन अब यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गया है।
पिछले वर्षों में चीनी सेना द्वारा पैदल और हेलीकॉप्टर से घुसपैठ की कई घटनाएं सामने आई थीं।
कई बार चीनी सैनिकों ने भारतीय चरवाहों के टेंट भी उखाड़ दिए थे।
इस सड़क के बनने से अब भारतीय सुरक्षा बलों की तेजी से तैनाती और निगरानी संभव होगी।

सीमा विकास में नया अध्याय

बीआरओ की यह परियोजना न केवल सामरिक मजबूती देगी बल्कि स्थानीय गांवों के विकास, पर्यटन संभावनाओं और सीमा सुरक्षा को भी नया आयाम देगी।
भारत सरकार लंबे समय से सीमा इलाकों में सड़क नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में फोर्सेज को तुरंत पहुंचाया जा सके।