चंद्रयान-3 मून मिशन कामयाब, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग, दुनिया का पहला देश बना भारत, देश में खुशी की लहर

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भारत ने आज शाम 6:04 पर इतिहास रहते हुए चंद्रमा पर तिरंगा लहरा दिया है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर कर इतिहास रच दिया। लैंडिंग के साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। 

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग (Moon South Pole Landing) हो गई है। इसरो ने अपने सीधे प्रसारण में इसकी जानकारी दी है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की। भारत की सफलता पर देशवासियों में जश्न का माहौल है। 

मिशन की सफलता के लिए देश में प्रार्थनाएं हुईं। सफल लैडिंग के बाद लोगों में अपार उत्साह है। दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की विक्रम लैंडर को चांद पर सफल लैंडिंग करने के बाद बाद इसरो सहित पूरे देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं साइटिस्टों को कोटि कोटि बधाई देता हूं। 

उन्होंने कहा, भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। चंदा मामा बहुत दूर के है अब वो भी दिन आएगा जब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा एक टूर के है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के साथ ही दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर डांस किया।  आज शाम 5 बजकर 30 मिनट पर शुरुआत में रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही। इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की। तब उसकी चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी। 

आखिरकार लैंडर ने 6 बजकर 04 मिनट पर चांद पर पहला कदम रखा। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है। अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। 

धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।

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