
देहरादून। उत्तराखंड में शुरू हो चुकी चारधाम (Char Dham Yatra) में रोजाना दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि चारधाम में दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित नहीं की गई। बावजूद इसके इस संबंध में जारी शासनादेश यथावत ही है।
इस मामले को लेकर पर्यटन, धर्मस्व व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद यात्रियों की सुविधा को देखिए हुए ये व्यवस्था बनाई गई है। कोरोना महामारी की वजह से बीते दो वर्षों से ठप पड़ी चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) को लेकर यात्रियों के उत्साह को लेकर सरकार पर दबाव साफ तौर पर दिखाई पड़ रहा है।
बता दें कि यात्रा के पहले दो दिन में यमुनोत्री में करीब नौ हजार तो गंगोत्री में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अब छह मई को केदारनाथ धाम और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रियों की संख्या में और इजाफा हो जायेगा। चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) में श्रद्धालुओं के उमडऩे की सबसे बड़ी वजह बीते दो सालों से यात्रा नहीं होना है।
बता दें कि कोविड से पहले भी इन चारधामों (Char Dham Yatra) में भारी भीड़ उमड़ती रही है। कोरोना महामारी ने यात्रा के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी स्थिति और रोजगार पर भी बुरा असर डाला है। यात्रा बन होने से पर्यटन और परिवहन के साथ ही लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग को भारी घाटा सहना पड़ा है। इस बार चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बड़ी वृद्धि देखि जा रही हैं। अब तक पांच लाख से अधिक यात्री आनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
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