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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब के बठिंडा जिले स्थित शहीद भाई मनी सिंह सिविल अस्पताल में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। अस्पताल में करोड़ों रुपये की सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन इसी के बीच करीब 30 लाख रुपये के तेल घोटाले की बात सामने आई है।

घोटाले की जांच विजिलेंस विभाग ने शुरू कर दी है, और प्राथमिक जांच के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने तत्कालीन वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (SMO) डॉ. गुरमेल सिंह, वरिष्ठ सहायक सीनम और कंप्यूटर ऑपरेटर जगजीत सिंह को निलंबित कर दिया है।

हालांकि निलंबन के आधिकारिक आदेशों में इसे "प्रशासनिक कारणों" से जोड़ा गया है, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो यह निर्णय सीधे तौर पर तेल घोटाले की जांच में मिले प्रमाणों के आधार पर लिया गया है।

यह घोटाला गांव घुद्दा निवासी हरतेज सिंह भुल्लर द्वारा उजागर किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री और विजिलेंस महानिदेशक को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की थी।

उनकी शिकायत में आरोप था कि डॉ. गुरमेल सिंह ने अन्य स्टाफ सदस्यों के साथ मिलकर डीजल और पेट्रोल के फर्जी बिल तैयार कर लगभग 30 लाख रुपये का गबन किया। कई बार ऐसे वाहनों के नाम पर बिल बनाए गए जो अस्पताल में थे ही नहीं या पहले ही कंडम घोषित किए जा चुके थे।

इतना ही नहीं, भुल्लर ने आरोप लगाया कि मरीजों की पर्चियों और डोप टेस्ट के नाम पर भी गड़बड़ी की गई और लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ। उन्होंने विजिलेंस जांच का दायरा बढ़ाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इस शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई, जिसने अस्पताल पहुंचकर दस्तावेजों की पड़ताल की। जांच में अधिकांश आरोपों की पुष्टि हुई, फिर भी शुरुआत में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

भुल्लर ने इसके बाद एक बार फिर विजिलेंस को शिकायत भेजी। गंभीरता को देखते हुए 27 जून को विजिलेंस टीम ने अस्पताल में छापा मारा और कई जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए।

इसके तुरंत बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव राहुल कुमार ने तीनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए और उन्हें चंडीगढ़ मुख्यालय ट्रांसफर कर दिया गया।

इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए 30 जून को स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. अनिल गोयल ने खुद अस्पताल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्टाफ को चेतावनी दी कि ड्यूटी में कोई लापरवाही सामने आई तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने महिला एवं बाल अस्पताल का भी दौरा किया और वहां बन रही 30 बिस्तरों की नई यूनिट की प्रगति को देखा। विभाग ने इस दौरे को सामान्य निरीक्षण बताया, लेकिन साफ है कि यह घोटाले के बाद की उच्चस्तरीय निगरानी का हिस्सा था।