चीन में कोविड-19 का प्रसार रोकने के नाम पर जबरदस्ती थोपी गयी ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के विरूद्ध जनाक्रोश ने अब नतीजा दिखना शुरू कर दिया है। चीनी हुकूमत ने क्वारंटीन और लॉकडाउन नियमों में ढील देने की घोषणा की।
चीन में वायरस से निपटने के लिए चीन सरकार ने कठोर नीति लागू कर रखी है। इसके विरूद्ध लोग गुस्से में हैं और देश भर में प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा है। बीते दिनों तो हिंसक झड़प तक हो गयी थी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कोरोना के संक्रमितों को उनका घर व परिवार छोड़कर क्वारंटीन शिविरों में हफ्तों रहने को मजबूर किया जाता है। इस कारण यह नीति बहुत अलोकप्रिय हो रही थी। अब निरंतर प्रदर्शनों के बाद चीन सरकार बैकफुट पर आ गयी है। सरकार ने नागरिकों को क्वारंटीन और लॉकडाउन के नियमों से छूट दे दी है।
नियमों में चेंजेस के बाद अब नागरिकों को उनके घरों पर क्वारंटीन रहने की इजाजत दी गई है। कहा गया है कि जिन लोगों में हल्के या एक भी लक्षण नहीं हैं, वे घर में रह कर अपना इलाज करा सकते हैं। इसके साथ साथ सार्वजनिक जगहों से पीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है, सिर्फ विद्यालयों और अस्पतालों में पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होगा। अधिकतर संक्रमित अब सरकारी कोरोना केंद्रों के बजाए घरों में ही आइसोलेट रह सकेंगे। हल्के या बिना लक्षण वाले रोगी घर पर रह कर स्वयं के संक्रमित होने की रिपोर्ट कर सकते हैं।
अब लॉकडाउन और सीमित क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। जैसे कि कुछ भवन, कुछ इकाइयां, कुछ मंजिलें। पहले पूरे शहर या आसपास के इलाकों में लॉकडाउन लगाया जाता था।