img

देहरादून। उत्तराखण्ड के बांदल वैली में आई आपदा से प्रभावित कई गांवों में अभी तक बिजली सप्लाई बहाल नहीं की जा सकी है। वहीं, कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां बिजली आपूर्ति की अस्थायी व्यवस्था की जा चुकी है। ऐसे में जिन गांवों में बिजली की सप्लाई अभी नहीं शुरू हुई है वहां के लोगों को मोबाइल चार्ज कराने तक के लिए 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है।

Cloud Burst

सरोना डुमकोट (देहरादून) में रहने वाले धनसिंह का कहना है कि गांव के सभी संपर्क क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गांव में न तो बिजली पहुंच पाई है और न ही पानी की पाइप लाइनें अभी ठीक हो पाई है। ऐसे में पीने के पानी का भी संकट पैदा हो गया हैं।उन्होंने बताया कि नदी भी गांव से बहुत दूर है जिससे गांव के लोगों को बरसात का पानी एकत्र कर काम चलाना पड़ रहा है। वहीं बिजली आपूर्ति बहाल न होने से मोबाइल चार्ज करने के लिए सरखेत और मालदेवता तक जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद से ये क्षेत्र संचार व्यवस्था से पूरी तरह कट गया है।

राशन का संकट बढ़ा

सिल्ला सीतापुर गांव (टिहरी) के रहने वाले बिलदेई की मानें तो उनके गांव में आपदा से तीन-चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गोशाला में भी मलबा भर गया था। अब तक पटवारी के अलावा प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी गांव में नहीं आया है। उन्होंने बताया कि बेटे का वाहन भी मलबे में दब गया है। गांव की ही सीता देवी और सुलोचना का कहना है कि गांव में पानी की अस्थायी व्यवस्था तो शुरू हो गई है लेकिन बिजली व्यवस्था अब तक बहाल नहीं हो पाई है। गांव में राशन का भी संकट बढ़ने लगा है। एक बार सरखेत में किसी ने खाद्य की सामग्री पहुंचा दी थी। उसके बाद कोई पूछने भी नहीं आया।

चार लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं खोजी दल

आपदा में सूबे की राजधानी देहरादून से लापता चार अन्य लोगों का अब तक पता नहीं लग पाया है। इन्हें तलाशने में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों के 150 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी दिन रात जुटे हुए हैं।