img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देवभूमि उत्तराखंड का हरिद्वार शहर न सिर्फ गंगा के पवित्र घाटों और पौराणिक कथाओं के लिए विख्यात है, बल्कि यहाँ विराजित सिद्धपीठ मां मनसा देवी मंदिर भी देश-दुनिया के भक्तों के लिए असीम आस्था का केंद्र है। शिवालिक पर्वत श्रृंखला के बिल्व पर्वत पर स्थित, मां मनसा देवी को 'मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी' के रूप में जाना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मुरादें लेकर इस दिव्य दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं।

मंदिर का स्थान और महत्व:
यह पवित्र मंदिर हरिद्वार में हर की पौड़ी के ठीक सामने स्थित त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ तक पहुंचने के लिए भक्त या तो 'उड़न खटोला' नामक रोमांचक रोपवे का आनंद ले सकते हैं, जो हरे-भरे पहाड़ों और नीचे बहती गंगा का मनमोहक दृश्य प्रदान करता है, या फिर पैदल सीढ़ियों से चढ़ाई कर सकते हैं। मंदिर तक पहुंचने का सफर ही अपने आप में एक शांत और आध्यात्मिक अनुभव है।

मां मनसा देवी को देवी शक्ति के रूपों में से एक माना जाता है, जिन्हें भगवान शिव की मानस पुत्री कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, वे भगवान कृष्ण की बड़ी बहन और नागों की अधिष्ठात्री देवी भी हैं। इसलिए उन्हें सर्पों की देवी भी कहा जाता है, खासकर नाग पंचमी के दिन यहाँ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

मनोकामना पूर्ति की परंपरा:
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि भक्त अपनी इच्छाओं को लेकर यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिर परिसर में लगे पेड़ की डाली पर एक पवित्र धागा (मन्नत का धागा) बांधते हैं। ऐसी मान्यता है कि धागा बांधने से देवी उनकी इच्छा को पूरा करती हैं, और जब मुराद पूरी हो जाती है, तो भक्त कृतज्ञता व्यक्त करने और उस धागे को खोलने के लिए वापस मंदिर आते हैं। यह परंपरा लाखों श्रद्धालुओं के विश्वास का प्रतीक है।

चंडी देवी से संबंध:
मां मनसा देवी को हरिद्वार में मां चंडी देवी की बहन माना जाता है। भक्तों के लिए इन दोनों शक्तिपीठों के दर्शन के साथ-साथ शहर में स्थित मां माया देवी मंदिर के दर्शन करना भी बेहद शुभ माना जाता है, जिससे हरिद्वार में देवी दर्शन की 'त्रिपक्षीय' परंपरा पूरी होती है और भक्तों को विशेष कृपा मिलती है।

मनसा देवी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह अपने शांत वातावरण और आसपास के मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। हरिद्वार आने वाले हर पर्यटक और श्रद्धालु के लिए यह स्थान भक्ति, शांति और आस्था का एक अनूठा संगम है।