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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : विश्व प्रसिद्ध शीतल पेय कंपनी कोका-कोला ने अक्टूबर में स्प्राइट, डाइट कोक और कोका-कोला ज़ीरो शुगर के हज़ारों कैन वापस मँगवाए। इन कैन में धातु के छोटे-छोटे टुकड़े पाए जाने की खबर है। क्या आप जानते हैं कि ये कैन हमारी सेहत के लिए कितने खतरनाक हैं और इनसे कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं?

वापस बुलाने का कारण क्या है?

खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इन कैन्स को क्लास II रिकॉल घोषित किया है। इसका मतलब है कि ये अस्थायी या उपचार योग्य स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। प्रभावित कैन्स पर JUN2926MAA कोड लिखा है, जो 12 और 35 के पैक साइज़ में उपलब्ध हैं। कंपनी ने इसे एक मामूली समस्या बताया है, लेकिन कैन में धातु के कणों की मौजूदगी पेय में विषाक्तता का संकेत हो सकती है। इन्हें पीने से मुँह, गले या पेट में कट लग सकता है। यह बच्चों, बुजुर्गों या पेट की समस्याओं वाले लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।

अनुसंधान क्या कहता है?

जर्नल ऑफ फूड सेफ्टी में 2025 में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, दूषित शीतल पेय 30 प्रतिशत मामलों में जठरांत्र संबंधी क्षति, यानी पेट में खरोंच या रक्तस्राव का कारण बनते हैं। इस अध्ययन में ऐसे पेय पदार्थ पीने वाले 500 लोगों को शामिल किया गया था। 20 प्रतिशत लोगों को तुरंत उल्टी या दर्द का अनुभव हुआ। स्प्राइट जैसे नींबू के स्वाद वाले पेय पदार्थों में अम्ल की मात्रा अधिक होती है, जो धातुओं को घोल सकता है। वहीं, डाइट कोक में मौजूद एस्पार्टेम जैसे कृत्रिम स्वीटनर पहले से ही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। अगर धातुएँ मौजूद हों, तो जोखिम दोगुना हो जाता है।

ये डिब्बे स्वास्थ्य के लिए कितने खतरनाक हैं?

इन डिब्बों से सबसे बड़ा खतरा आंतरिक चोट का है। धातु के टुकड़े निगलने से आंतों में छेद या जलन हो सकती है। लंबे समय में, इससे पेट की पुरानी बीमारी हो सकती है। इसके अलावा, डाइट कोक में मौजूद एस्पार्टेम को पहले ही कैंसर के खतरे से जोड़ा जा चुका है। "इकोटॉक्सिकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंटल सेफ्टी" पत्रिका में 2025 में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि एस्पार्टेम लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

डब्ल्यूएचओ क्या कहता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2023 में एस्पार्टेम को "संभावित कैंसरकारी" घोषित किया है। डाइट कोक के एक कैन में 200 मिलीग्राम एस्पार्टेम होता है। वहीं, स्प्राइट में चीनी की मात्रा ज़्यादा होती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए खतरनाक है। शोध बताते हैं कि ऐसे पेय आमतौर पर वज़न बढ़ने, हृदय संबंधी समस्याओं और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े होते हैं।