Prabhat Vaibhav,Digital Desk : संविधान दिवस 2025 के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल ने लोक भवन, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों की शपथ ली। इस दौरान अतिथियों ने भारत माता और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किया और लघु फिल्म भी दिखाई गई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 2015 से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। उन्होंने संविधान सभा और उसके सदस्यों, विशेषकर डॉ. भीमराव आंबेडकर की भूमिका को याद करते हुए बताया कि संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे। उनका कहना था कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और विविधताओं को एकता में जोड़ने वाला दस्तावेज़ है।
कर्तव्य और अधिकार:
सीएम योगी ने जोर दिया कि कर्तव्य के बिना अधिकार संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब नागरिक अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का पालन भी करते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाएं और समाज में एकता, निष्ठा और अनुशासन बनाए रखें।
विकसित और आत्मनिर्भर भारत:
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के आदर्शों पर चलते हुए ही भारत विकसित और आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने पंच प्रण का उल्लेख करते हुए कहा कि हर नागरिक को गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर, सेना और पुलिस बल के जवानों का सम्मान करते हुए जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
व्यक्तिगत गलती और सामाजिक दायित्व:
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति की गलती के लिए पूरे सिस्टम को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। समाज में एकता और समानता बनाए रखने के लिए सभी को सकारात्मक दृष्टिकोण और ईमानदारी के साथ जिम्मेदारियाँ निभानी होंगी।
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, धर्मपाल सिंह, सूर्य प्रताप शाही, दारा सिंह चौहान, धर्मवीर प्रजापति, राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी, बलदेव सिंह औलख और लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल उपस्थित रहे।
मायावती की नसीहत:
इस मौके पर बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी सरकारों को संविधान के उद्देश्यों पर ईमानदारी से अमल करने की नसीहत दी। उन्होंने लिखा कि संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को शत-शत नमन, और उम्मीद जताई कि सरकारें समतामूलक, मानवतावादी और कल्याणकारी नीतियों को व्यवहार में लागू करेंगी।




