देहरादून। धामी मंत्रिमंडल में सोमवार को वर्चुअल जमीन की रजिस्ट्री, गौरा देवी अभ्यर्थियों को पैसा देने, हेलीपैड बनाने पर सब्सिडी, निवेशक सम्मेलन सहित कई अहम बिंदुओं पर मुहर लगी।
सोमवार को सचिवालय विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली ’सभागार’ (पंचम तल) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री के विशेष सचिव शैलेश बगोली ने मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग की।
विशेष सचिव बगोली ने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार में 100 एमबीबीएस प्रशिक्षु क्षमता के संचालन के लिए आवश्यक पदों का सृजन किया गया है। भारत सरकार की ओर से 90 :10 के अनुपात में केन्द्र पोषित योजना (सीएसएस) के अन्तर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार को स्वीकृत किया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार को वर्ष 2024-25 से एमबीबीएस कक्षाएं संचालित किये जाने हेतु शासन स्तर से अनिवार्यता प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है। केन्द्र पोषित योजना (सीएसएस) के अन्तर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ को स्वीकृत किया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ को आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए अनिवार्यता प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने की कार्रवाई गतिमान है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इण्टर कालेजों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश की स्थिति में छात्रहित में अस्थाई शिक्षकों को प्रतिवादन की दर से मानदेय पर कार्ययोजित किया है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत शिक्षकों के रिक्त पदों के अतिरिक्त दीर्घावकाश यथा चिकित्सा अवकाश, मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश आदि के फलस्वरूप प्रदेश में हर समय लगभग 1500-2000 शिक्षक 15 दिन से 06 माह की अवधि तक अवकाश पर रहने के कारण छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। शैक्षिक गुणवत्ता पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सहायक अध्यापक एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक/ शिक्षिकाओं के कम से कम एक माह के दीर्घ अवकाश की स्थिति में सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से विज्ञप्ति प्रकाशित की जायेगी। निर्धारित शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अर्हता रखने वाले अभ्यर्थी को मेरिट के आधार पर सहायक अध्यापक एलटी के विषयों के लिए 200 व प्रवक्त्ता के विषय हेतु 250. प्रतिवादन की दर से मानदेय सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी से अनुमोदनोपरान्त कार्ययोजित किया जायेगा। विद्यालय के सेवित क्षेत्र के निकटस्थ निर्धारित योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी को वरीयता प्रदान की जायेगी।
वित्त विभाग के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के समय से तैनात आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों की तदर्थ सेवाओं को अर्हकारी सेवा के रूप में आगणित करते हुए पेंशन एवं सेवानिवृत्तिक लाभ अनुमन्य किया गया है।-01 अक्टूबर, 2005 से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्त राज्य सरकार के अन्तर्गत आयुष विभाग के चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक तथा राज्य सरकार के अन्य राजकीय विभागों में कार्यरत समस्त कार्मिक, जो दिनाक 01 अक्टूबर, 2005 के उपरान्त विनियमित किये गये हों या जिनका विनियमितीकरण आदेश निर्गत करने से पूर्व निधन हो गया हो, अथवा सेवानिवृत्त हो गये हों तथा जो उत्तराखंड विनियमितीकरण नियमावली, 2002 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत 01 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विनियमितीकरण की अर्हता रखते हों और तत्समय नियमित पद रिक्त हो, के सम्बन्ध में कार्यवाही प्रस्तावित है।
वित्त अनुभाग के तहत ही उत्तराखंड राज्य में लेखपत्रों के निबंधन की प्रक्रिया में वर्चुअल पंजीकरण की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।
वर्तमान में राज्य में लेखपत्रों के निबंधन में पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र को तैयार कर आनलाइन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगें। साथ ही उम्रदराज, बीमार एवं असहाय लोगों को कार्यालय में उपस्थित हो कर लेखपत्रों का निबंधन कराने से मुक्ति प्राप्त होगी। इस प्रक्रिया को लागू होने से औद्योगिक निवेश को बल मिलेगा।विलेखों का पंजीकरण, विवाह पंजीकरण,विवाह प्रमाण एवं लेखपत्रों की प्रमाणित प्रति निर्गत करना,भार मुक्त प्रमाण,पंजीकृत लेखपत्रों के ई-सर्च।
उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए अनुकूल वातावरण के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 559 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जानी है। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया जाएगा। जिसके 15 किमी की परिधि में अधिक से अधिक राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इण्टर कालेज संचालित हों।
इन विद्यालयों में आवश्यक भौतिक संसाधनों के अन्तर्गत यथाआवश्यक खेल का मैदान, कक्षा-कक्ष, शौचालय, पेयजल तथा चाहरदीवारी की समुचित व्यवस्था की जायेगी। विद्यालय में इण्टर स्तर पर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कम्प्यूटर और गणित विषय की प्रयोगशालाएं विकसित की जायेंगी और हाईस्कूल स्तर पर विज्ञान, गणित एवं कम्प्यूटर की प्रयोगशलायें स्थापित की जायेगी। प्रत्येक विषय के शिक्षकों की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के साथ-साथ विद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम भी विकसित किये जाने होंगे, जिससे आधुनिकतम शैक्षिक तकनीकी का उपयोग छात्र-छात्राओं के शैक्षिक उन्नयन के लिए किया जायेगा। योजना में लगभग 240 करोड़ का व्यय सम्भावित है। निकटवर्ती क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए स्थानीय स्तर पर ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
ग्रामीण निर्माण विभाग के तहत मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ प्रारम्भ करने पर निर्णय लिख गया है। राज्य के ऐसे गांव/तोक जिनकी आबादी 250 तक है, को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए नई योजना अनुमोदित की गयी है। जिसमें ऐसे गांवों / बसावटों को सम्पर्क में लाया जायेगा, जो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अथवा लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना / मानकों में सम्मिलित नहीं है। वर्तमान में प्रदेश की लगभग 2035 बसावटें मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ी हैं और 1142 बसावटें ऐसी हैं जो ग्रामीण सड़कों के मानकों के अनुसार नहीं बनी हैं। इस प्रकार कुल 3177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने हेतु नई योजना में सम्मिलित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत मोटर मागों के अतिरिक्त पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल निर्माण आदि प्रस्तावित किए जा सकेंगे।
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के तहत उत्तराखंड शासन की अधिसूचना संख्या-4072, दिनांक 20 नवम्बर, 2004 द्वारा उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली, 2004 प्रख्यापित की गई है, जिसमें उत्तराखंड न्यायिक सेवा में भर्ती का स्त्रोत, अर्हतायें, आयु, योग्यता, पदोन्नति, स्थायीकरण, वेतनमान, ज्येष्ठता इत्यादि सेवा की शर्तें निर्धारित की गई हैं। उच्चतर न्यायिक सेवा संवर्ग के 35 प्रतिशत पदों पर चयन वेतनमान (सेलेक्शन ग्रेड) एवं संवर्ग की सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत पदों पर सुपर टाइम स्केल अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली, 2005 में ‘सिविल न्यायाधीश’ एवं ‘वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश’ के पदनाम में संशोधन किया गया है। उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली, 2005 में ‘सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ श्रेणी)’ का पदनाम परिवर्तित करते हुए ‘सिविल न्यायाधीश’ और ‘सिविल न्यायाधीश (वरिष्ठ श्रेणी)’ का पदनाम परिवर्तित करते हुए ‘वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश’ किया गया है।
हैलीपैड बनाने पर 50 फीसद मिलेगा सब्सिडी-
नागरिक उड्डयन विभाग के अंतर्गत राज्य सरकार के सशक्त उत्तराखंड मिशन के तहत राज्य में हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट की अपार संभावनाओं को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार के अंतर्गत उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा या प्राधिकरण) ‘उत्तराखंड हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट नीति 2023’ (या नीति) प्रस्तावित की है। इस नीति में दो विकल्प प्रस्तावित किये गये हैं। जिनमें प्रथम विकल्प के अनुसार चयनित भूमि मालिक हेलीपैड/ हेलीपोर्ट विकास के लिए प्राधिकरण को 15 साल के लिए पट्टे पर भूमि प्रदान कर सकते हैं। जिस पर प्राधिकरण द्वारा चयनित भूमि पार्सल पर डीजीसीए नियमों द्वारा लागू डिजाइन और विशिष्टताओं के आधार पर हेलीपैड/ हेलीपोर्ट को विकसित किया जायेगा। वित्तपोषण और विकास की लागत प्राधिकरण की ओर से वहन की जायेगी। आवेदक/भू-स्वामी को प्रतिवर्ष 100 रुपये प्रति वर्ग मी किराया भुगतान किया जायेगा और इसके अतिरिक्त, चयनित आवेदक/भू-स्वामी को निर्मित हेलीपैड/ हेलीपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा।
दूसरे विकल्प के तहत चयनित आवेदक/भू-स्वामी द्वारा लागत में किसी भी वृद्धि सहित हेलीपैड / हेलीपोर्ट के वित्तपोषण और विकास की पूरी लागत का वहन किया जाएगा। हेलीपैड के लिए लगभग 10 से 20 लाख और हेलीपोर्ट के लिए लगभग 2 से 3 करोड़ की पूंजीगत आवश्यकता रहेगी। वाणिज्यिक संचालन तिथि से न्यूनतम 10 साल तक, प्राधिकरण सम्बन्धित हेलीपैड/हेलीपोर्ट के लिए, पात्र पूंजीगत सम्पत्ति के विकास पर होने वाले वास्तविक पूंजी व्यय या यूकाडा की ओर से 50 प्रतिशत के बराबर पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करेगा। पूंजीगत सब्सिडी का भुगतान दो बराबर किश्तों में किया जायेगा।
गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, गढ़वाल इकाई श्रीनगर को ग्राम गुगली, पट्टी चौरास, तहत कीर्तिनगर, जनपद टिहरी गढ़वाल में सःशुल्क आवंटित भूमि के नजराने में छूट प्रदान का निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी (परिवहन विभाग में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दाखिल, सृजित एवं जारी करने का यूजर चार्ज) (संशोधन) नियमावली, 2023 के सम्बन्ध में।
राज्य एवं विभाग हित के दृष्टिगत् इलेक्ट्रानिक रिकार्ड्स दाखिल, सृजित एवं जारी करने के लिये प्रति संव्यवहार यूजर चार्ज की धनराशि व अन्य कतिपय नियमों में संशोधन किये जाने के उद्देश्य से मूल नियमावली, 2011 के नियम-2, 3, 5, एवं 7 में संशोधन के तहत ‘आटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक’ दुपहिया वाहन अथवा हल्के मोटरयान का वाहन चालन परीक्षण सुगमता से किया जाना, चालक लाइसेन्स प्राप्त करने के लिए आने वाले आवेदकों से यूजर चार्ज के अतिरिक्त वाहन चालन परीक्षा हेतु पृथक से 100 यूजर चार्ज लगेगा।
-महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत
‘नन्दा देवी कन्याधन योजना-हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजनान्तर्गत वंचित लाभार्थियों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2009 से वर्ष 2016-17 तक आवेदित लाभार्थियों में से लाभ प्राप्त करने से छूटे/ वंचित जनपद वार कुल 35088 लाभार्थियों को 15,000 की दर से कुल धनराशि 52,63,20,000/- प्रदान की जाएगी।
औद्योगिक विकास (खनन) विभाग के तहत भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पूर्व से सृजित 19 अनुपयोगी पदों को समाप्त करते हुए विभागीय ढांचे को पुनर्गठित कर 62 अतिरिक्त पद सृजित किया गया है।