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राजधानी दिल्ली में इन देशों के यह शक्तिशाली नेता जुटेंगे, भारत ने विदेशी मेहमानों के स्वागत की तैयारियां पूरी

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(जी20 समिट)

देश की राजधानी नई दिल्ली में जी-20 समिट के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। विदेशी मेहमानों के लिए राजधानी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। कहीं कोई कमी न जाए इसके लिए दिल्ली की सड़कों पर सायरन बजाती हुई अधिकारियों की गाड़ियां दौड़ रही हैं। सुरक्षा से लेकर यातायात और इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए तमाम उपाए किए गए हैं। दिल्ली की सड़कों को पेंटिंग, प्रतिमाओं, फव्वारों और पौधों से सजाया गया है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के नेता जुटेंगे। अमेरिका से लेकर यूरोप तक के कई राष्ट्राध्यक्ष 8 से 10 सितंबर के बीच दिल्ली में होंगे। नई दिल्ली में विदेशी मेहमानों के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब से कुछ ही घंटों में विदेशी राजनेताओं और उनके डेलिगेशन के भारत पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। 

विदेशी मेहमानों के स्वागत से लेकर सुरक्षा तक के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान के नवनिर्मित अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में होना है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कुल 20 देशों के नेता अपनी टीमों के साथ दिल्ली आने वाले है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले सबसे पहले नेता होंगे। भारत आने के बाद वो पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वहीं ब्रिटेन का पीएम बनने के बाद पहली बार ऋषि सुनक भारत आएंगे। इनके अलावा दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आएंगे। ब्राजील, बांग्लादेश, इटली के राष्ट्राध्यक्ष भी दिल्ली पहुचेंगे। 

बता दें कि नाइजीरिया के राष्ट्रपति पहले ही भारत पहुंच चुके है। इस बार जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे जबकि उनकी जगह सम्मेलन में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग हिस्सा लेंगे। वर्ष 2008 के बाद ये पहला मौका है जब चीन के राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा नहीं होंगे। वर्ष 2020 और 2021 में शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्चुअल तौर पर सम्मेलन में शिरकत की थी। उनके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत नहीं आ रहे हैं जबकि उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 

जी20 शिखर सम्मेलन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस शामिल है। उनके अलावा यूरोपीय यूनियन के भी 27 सदस्य देश इसमें शामिल है। जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत की ओर से कई देशों को न्यौता भेजा गया है जिसमें नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया शामिल है। इसके लिए यूक्रेन को न्यौता नहीं मिला है।

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