राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 28 साल पहले चुनावी रंजिश में हुई थी हत्याएं, जानिए

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(डबल मर्डर केस)

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद प्रभु नाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रभु नाथ सिंह को मसरख डबल मर्डर केस में या सजा सुनाई है। ‌वहीं कोर्ट ने इसके साथ मृतक के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और घायल के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। 

बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने 18 अगस्त को प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था।आज इस सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि, यहां दो ही विकल्प हैं, या तो हम जीवन दें या मौत। फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? उनके वकील ने बताया कि 70 साल के हैं। इसके बाद जस्टिस ने कहा कि, तब तो भगवान ही मालिक हैं। आज से पहले ऐसा केस हमने नहीं देखा। 

साल 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था। यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर अशोक सिंह की हत्या करने की धमकी दी थी। 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। फिलहाल प्रभुनाथ सिंह फिलहाल विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारावास में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं।

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