कोलकाता, 16 अगस्त। मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी मोहम्मद हबीब के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरी संवेदना जताई है। मंगलवार को हैदराबाद के अस्पताल में 74 वर्षीय हबीब का निधन हो गया।
देर रात ममता बनर्जी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, "आज हैदराबाद में महान भारतीय फुटबॉलर मोहम्मद हबीब के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। 1960-1980 के दशक में कलकत्ता के मैदान के एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी थे। तब से फुटबॉल प्रेमियों के प्रिय, वह देश के अब तक के सर्वश्रेष्ठ मिड फील्डरों में से एक थे। हम उन्हें 2018 में अपने सर्वोच्च पुरस्कार बंग बिभूषण से सम्मानित कर चुके हैं। मैं उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।"
फुटबॉल के बड़े मियां
भारतीय फुटबाल टीम की ओर से मोहम्मद हबीब ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे कलकत्ता के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी के तौर पर याद किए जाते हैं। 70 के दशक में वे कलकत्ता (अब कोलकाता) के फुटबॉल प्रेमियों के बीच "बड़े मियाँ" के नाम से मशहूर थे। मोहम्मद हबीब के साथ उनके छोटे भाई अकबर की जोड़ी मशहूर थी। मोहम्मद हबीब मिड फिल्डर थे तो मोहम्मद अकबर स्ट्राइकर। दोनों भाईयों ने कलकत्ता के मशहूर तीनों क्लब मोहन बगान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के लिए खेला था। तीनों ही क्लब में उनकी लोकप्रियता शिखर पर थी। मोहन बगान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के अपने- अपने समर्थक थे, वे समर्थक ही उस क्लब का मैच देखने वाले दर्शक भी होते थे। हबीब और अकबर के प्रशंसक बड़ी संख्या में थे।
ईडेन गार्डन पर पेले और हबीब
छोटे कद के मोहम्मद हबीब सही अर्थों में भारतीय फुटबाल के बड़े मियाँ थे। 1977 में फुटबाल के जादूगर पेले के क्लब कास्मस (न्यूयार्क) के साथ मोहन बगान का ऐतिहासिक मैच कलकत्ता के मशहूर ईडेन गार्डन मैदान में हुआ था। कोलकाता में उस मैच के लिए फुटबॉल प्रेमियों में दीवानगी छाई हुई थी। 70 हजार दर्शकों की क्षमता वाले ईडेन गार्डन में आम दर्शकों के लिए करीब पांच हजार टिकटों के लिए लॉटरी निकाली गयी थी। दूरदर्शन पर मैच का सीधा प्रसारण देखने के लिए टीवी सेटों की रिकार्ड बिक्री हुई थी।
पेले ने बड़े मियां को गले से लगा लिया
मोहन बगान के साथ कास्मस का मैच ड्रा हुआ था। मोहम्मद हबीब ने एक गोल करने के साथ मोहन बगान के आक्रमण और डिफेंस में यादगार खेल खेला था। हबीब की लोकप्रियता उस दिन आसमान छू रही थी। अगले दिन समाचार पत्रों में हबीब की प्रशंसा में पेले के शब्द छाए हुए थे। फुटबॉल के जादूगर पेले ने हबीब को गले लगा लिया था।