गोरखपुर, 20 अगस्त। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) के दोनों तेंदुओं की हालत चिंताजनक है। घायल होने के कारण दोनों तेंदुओं ने खाना पीना बंद कर दिया है। आलम यह है कि इन दोनों ने अपने नजदीक आने वालों पर गुर्राना भी शुरू कर दिया है। कभी-कभी झपट्टा भी मारने की कोशिश कर रहे हैं। प्राणी उद्यान प्रशासन ने अब इन्हें अलग-अलग पिंजरे में रखा है।
पशु अस्पताल के चिकित्सक डॉ. योगेश सिंह की मानें तो दोनों आदमखोर तेंदुओं को अभी पशु अस्पताल में रखा गया है। यहां इनका उपचार चल रहा है। ठीक होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा या चिड़ियाघर के बाड़े में रखा जाएगा। इनके साथ ही अब प्राणी उद्यान के पशु अस्पताल में इलाजरत तेंदुओं की संख्या पांच हो गई है। अस्पताल में पहले से ही दो शावक तेंदुए और एक वयस्क का इलाज चल रहा है।
निदेशक डाॅ. मनोज कुमार शुक्ला का कहना है कि बिजनौर से आए दोनों तेंदुए वयस्क हैं और गंभीर रूप से घायल हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव के निर्देश पर इन्हें लाया गया है। बिजनौर में तेंदुए के हमले की अलग-अलग घटनाओं में पिछले कुछ महीनों में 13 लोगों की जान जा चुकी है। जनता में व्याप्त दहशत और कृषि कार्य प्रभावित होने से शासन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा आदमखोर तेंदुओं को पकड़ने के लिए वृहद स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। पिछले 15 दिनों में छह तेंदुए रेस्क्यू कर पकड़े गए हैं। इनमें से दो गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए हैं।