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राजस्थान के जनपद दौसा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां यूपी पुलिस के जुर्म में दो लोग कई सालों से सलाखों के पीछे हैं। यूपी की वृंदावन पुलिस ने महिला की हत्या के आरोप में दौसा से दो लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। आज वही महिला अपने दूसरे पति के साथ जीवन व्यतीत कर रही है। लेकिन इस महिला की वजह से दौसा के राशिदपुर निवासी सोनू सैनी और उदयपुर निवासी गोपाल सैनी की जिंदगी बर्बाद हो गई। इतना ही नहीं इन दोनों व्यक्तियों को अरेस्ट कर यूपी पुलिस की खूब वाहवाही भी बटोरी। साथ ही 15 हजार रुपये का इनाम भी ले लिया।

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बीते सात वर्षों से हत्या के आरोप का दंश झेल रहे इन दोनों पीड़ितों ने अब तक इस मामले में लाखों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन दौसा पुलिस इन पीड़ितों के लिए मसीहा बन गई है। सोनू सैनी और गोपाल सैनी जब जमानत पर जेल से बाहर आए तो दोनों दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी थानाधिकारी अतीत बदासरा पहुंचे। यहां उसने कहा कि हमने कोई हत्या नहीं की है और संभावना है कि हत्या की आरोपी आरती जिंदा हो।

दोनों पीड़ितों की गवाही पर जब पुलिस ने महिला की तलाशी ली तो वह बैजूपारा थाना क्षेत्र के विशाला गांव में अपने दूसरे पति भगवान सिंह रेबारी के साथ मि ली। तत्पश्चात, दौसा पुलिस ने वृंदावन थाने को सूचना दी। सूचना के बाद दौसा पहुंचे। महिला को जिंदा देख यूपी पुलिस भी हैरान रह गई और दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। जब महिला के माता-पिता को बुलाया गया तो पुष्टि हुई कि वृंदावन थाने में दर्ज आरती नाम की महिला की हत्या का मामला झूठा है और महिला जिंदा है।

महिला 2015 में लापता हो गई थी

इसके बाद यूपी पुलिस महिला आरती को लेकर वृंदावन के लिए रवाना हो गई। वहां कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। दौसा के मेहंदीपुर बालाजी थानाध्यक्ष अजीत बधारा ने बताया कि आरती 2015 में लापता हो गई थी। इसके बाद वृंदावन की नगला झींगा नहर में एक महिला की लाश मिली थी। शव की शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया, लेकिन आरती के पिता कुछ दिन बाद ही वृंदावन पहुंच गए। नहर में मिले शव की शिनाख्त उसने अपनी बेटी आरती के रूप में की। इस पूरे मामले में दौसा निवासी सोनू व गोपाल सिंह के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।

आरती ने सोनू सैनी से कोर्ट मैरिज की थी

दरअसल आरती भी यूपी क्षेत्र की रहने वाली हैं। वह साल 2015 में मेहंदीपुर बालाजी आई थीं, जिसके बाद उन्होंने सोनू सैनी से कोर्ट मैरिज की थी। ऐसे में आरती के पिता ने आरती के पति और उसके दोस्त पर हत्या का केस दर्ज करा दिया। यहां पुलिस ने आरती की हत्या के आरोप में दोनों पीड़ितों को अरेस्ट कर लिया।

वही आरती अपने दूसरे पति भगवान सिंह रेबारी के साथ विशाला गांव में कई सालों से रह रही थी। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि वृंदावन पुलिस ने हत्याकांड की ठीक से जांच क्यों नहीं की। क्यों दो बेगुनाहों को अरेस्ट कर लंबे समय तक सलाखों के पीछे रहने को मजबूर किया गया।