रांचीएक घंटा पहले
झारखंड के हेल्थ वर्कर्स भी टीका लेने से बच रहे हैं। राज्य में लगभग 8 महीने पहले 16 जनवरी से हेल्थ वर्कर्स के लिए टीकाकरण की शुरुआत हुई थी । कुल 2 लाख 20 हजार 955 हेल्थवर्कर्स को टीका लगना था। इनमें अभी तक 13031 हेल्थ वर्कर्स ऐसे हैं जिन्होंने टीके की पहली डोज नहीं लगवाई है।
जबकि 34170 फ्रंटलाइन वर्कर्स ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक टीका नहीं लगवाया है। ये हाल तब है जब सरकार के पास सभी का ब्योरा है। सरकार के पास सभी का रिकॉर्ड है इसके बाद भी विबाग लापरवाह बना हुआ है।
हेल्थ डिपार्टमेंड के मुताबिक इम्यून होने के लिए टीके का दोनों डोज लगवाना जरूरी है। ऐसे में अगर हेल्थवर्कर्स ही इम्यून नहीं रहेंगे तो राज्य कोरोना के खिलाफ जंग कैसे जीतेगा।ये हालात तब हैं जब राज्य में कभी भी कोरोना की तीसरी लहर के दस्तक देने की बात कही जा रही है।
बुजुर्गों को टीका लगाने में भी बरती जा रही है लापरवाही
झारखंड में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों काा टीकाकरण शुरू हुए करीब छह माह होने को है। इसके बाद भी अबी तक आदे से अधिक लोगों को टीके की पहली डोज नहीं दी जा सकी है। हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार राज्य में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 83 लाख 86 हजार 679 लोगों को टीका दिया जाना है।
45+ के मात्र 45% को ही लग सका हैं टीका
इनमें 19 अगस्त तक मात्र 38 लाख 25 हजार 179 लोगों को ही पहली डोज दी गई है। इस हिसाब से मात्र 45.61% बुजुर्गों को ही पहली डोज दी गई है। इस श्रेणी में अगर अलग-अलग उम्र के लोगों की बात करें तो 45-59 आयु वर्ग के जहां 43% लोगों को पहली डोज लग है तो 60 वर्ष अधिक उम्र के 49% लोगों को टीका लगी है।
17% बुजुर्ग ही पूरी तरह इम्यून
वहीं बात इसी उम्र के लोगों को लगने वाली दूसरे डोज की करें तो वहां की स्थिति और खराब है। 19 अगस्त तक राज्य मं 45 वर्ष से अधिक उम्र के 26 लाख 9 हजार 239 लोग दूसरे डोज के लिए योग्य थे। इनमें महज 14 लाख 12 हजार 436 लोगों को ही दूसरा डोज लग सका था। मात्र 17% बुजुर्ग ही ऐसे हैं जिन्होंने कोविड के दोनों डोज लगवा लिए हैं।