देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी एमएलए की सीट छोड़ने वाले चंपावत भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी को बड़ा इनाम मिल गया है। गहतोड़ी को राज्य के सबसे अहम निगमों में शामिल वन विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। जी हां उत्तराखंड सरकार ने गहतोड़ी को मंत्री का दर्जा प्रदान किया है। उत्तराखंड के सचिव नितेश कुमार झा ने चंपावत के पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिया है। वहीं, गहतोड़ी ने भी अपना कार्यभार संभाल लिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद बीजेपी आलाकमान ने उनके ऊपर भरोसा जताया और उन्हें दोबारा से प्रदेश की बागडोर सौंप दी। सीएम पद संभालने के बाद धामी को छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना आवश्यक था। हालांकि कई विधायक उनके लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने कैलाश गहतोड़ी की भावनाओं का सम्मान करते हुए चंपावत से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
बता दें कि राज्य की राजनीति में कैलाश गहतोड़ी तीसरे ऐसे विधायक हैं जिन्हें सीएम के लिए सीट छोड़ने पर वन विकास निगम चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इससे पहले साल 2002 में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के लिए रामनगर विधायक योगबंर सिंह रावत सीट ने छोड़ी थी, तो उन्हें भी इनाम में यही निगम मिला था। इसके बाद साल 2014 में सीएम हरीश रावत के लिए धारचूला विधायक हरीश धामी ने अपनी सीट छोड़ी थी तो राज्य सरकार ने उनको भी राज्य के वन विकास निगम का चेयरमैन बनाया था। हालांकि वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए सीट छोड़ने वाले सितारगंज विधायक किरन को कुमाऊं मंडल विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था। ये एकमात्र अपवाद है।