
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : वीरवार को पंजाब के नवांशहर में मनरेगा अधिकार आंदोलन से जुड़े भाई लालो लोक मंच की तहसील इकाई की बैठक आयोजित की गई। बैठक का नेतृत्व कामरेड सुरजीत कुमार ने किया। इस दौरान मुख्य रूप से मनरेगा फंड और काम में कटौती, राशन कार्ड में कमी, साल में 200 दिन काम और 100 रुपये प्रतिदिन वेतन जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में सांझा किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव कामरेड करण सिंह राणा ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और इसे जनविरोधी, संविधान-विरोधी और दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया। उनका कहना था कि यह दक्षिणपंथी विचारधारा वास्तव में कॉर्पोरेट पूंजीवादी पार्टी की सोच का परिचायक है, जो झूठ, पाखंड, नफरत और भय फैलाने के लिए जानी जाती है।
कामरेड राणा ने यह भी कहा कि हमलावर ने अपने कदम को ईश्वर का आदेश बताया, जबकि असलियत यह है कि यह विचारधारा केवल धर्म और ईश्वर में विश्वास करने का दिखावा करती है। इसने कभी स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया और न ही किसानों और मजदूरों के संघर्षों का समर्थन किया। वास्तव में यह हमेशा ब्रिटिश साम्राज्यवाद और पूंजीवाद की समर्थक रही है।
उन्होंने आगाह किया कि दलित समुदाय से आने वाले मुख्य न्यायाधीश को निशाना बनाना, शोषित और दलित समाज के लिए एक चेतावनी है। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिसमें संविधान और कानून के रखवाले भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। यह घुटन और डर का संदेश पूरे समाज तक पहुँच रहा है।
कामरेड राणा ने जनता, मजदूरों और मेहनतकश लोगों से अपील की कि वे स्वतंत्रता संग्राम और लोकतांत्रिक मूल्यों की अपनी साझा विरासत की रक्षा के लिए निडर होकर आगे आएं। बैठक में निर्मला देवी (जिला कोषाध्यक्ष), कोमल रानी (तहसील अध्यक्ष), मनोहर लाल (तहसील अध्यक्ष बलाचौर), जीत सिंह और जसविंदर कौर ने भी अपने विचार साझा किए।