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New era for veterinarians of Uttarakhand: पशुचिकित्सालय प्रशासन और प्रबंधन पर विशेष जोर, पशुचिकित्सकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण

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देहरादून। उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद सहस्त्रधारा रोड स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में गुरुवार को नवनियुक्त पशुचिकित्सा अधिकारियों के द्वितीय बैच के तीन दिवसीय प्रारंभिक एवं अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर निदेशक डॉ. भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

उद्घाटन समारोह में डॉ. भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी, डॉ. कैलाश उनियाल (अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद), डॉ. नारायण सिंह नेगी (अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सक सेवा संघ, उत्तराखण्ड) और डॉ. प्रलयंकर नाथ (रजिस्ट्रार, उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद) ने नए अधिकारियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर डॉ. भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी ने सभी अधिकारियों को पशुचिकित्सालय प्रशासन, प्रबंधन और कार्यक्षेत्र में निष्ठा से कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे एम.आई.एस. और अपुणि सरकार पोर्टल का सही उपयोग करने की महत्ता को भी बताया।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने पशुपालन विभाग की योजनाओं, मासिक प्रगति रिपोर्ट, एनेस्थीसिया प्रबंधन के तरीकों और विभागीय संरचना की कार्यप्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी।

इस प्रशिक्षण में पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी, और रुद्रप्रयाग के नवनियुक्त पशुचिकित्साधिकारी शामिल हैं, जो इस प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कार्यों में दक्षता प्राप्त करेंगे और प्रदेश में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को और भी मजबूत करेंगे।
 

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