श्रीहरि को प्रिय योगिनी एकादशी : जानें शुभ मुहूर्त एवं महत्‍व

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धर्म - अध्यात्म डेस्क। शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई मंगलवार को को रखा जाएगा। योगिनी एकादशी भगवान विष्‍णु का शयनकाल आरंभ होने से ठीक पहले की एकादशी होती है। एकादशी व्रत और आषाढ़ का महीना दोनों ही श्रीहरि को प्रिय हैं। इसलिए इस योगिनी एकादशी का महत्‍व अधिक है। आइए जानते हैं योगिनी एकादशी की शुभ तिथि, पूजाविधि और इसका महत्‍व ...

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योगिनी एकादशी का आरंभ एक जुलाई को सुबह 10 बजकर 27 मिनट से होगा और इसका समापन 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 41 मिनट पर होगा। योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को रखा जाएगा और इस व्रत कस पारण 3 जुलाई को सुबह 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से घर में धन, संपत्ति के आगमन के साथ ही वैभव की प्राप्ति होती है। सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने से पहले इस एकादशी पर पूजा करने और भजन कीर्तन करने का खास महत्‍व होता है। लोक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत करने से आपके पूरे परिवार पर वर्ष भर ईश्‍वर की कृपा बनी रहती है।

इस वर्ष योगिनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 2 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 27 मिनट से अगले दिन सुबह 3 जुलाई को 4 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 42 मिनट से अगले दिन 3 जुलाई को सुबह 4 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस दौरान विष्णु सहस्रनाम का जाप करने से व्यक्ति का लोक और परलोक दोनों सुधर जाता है। 

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