Prabhat Vaibhav,Digital Desk : विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी बढ़ते ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पूरी रफ्तार में नज़र आ रहे हैं। इस बार उन्होंने तय कर लिया है कि हर मोर्चे पर खुद को सबसे आगे रखना है। जब बाकी राजनीतिक दल सीट शेयरिंग और रणनीति को लेकर बैठकों में उलझे थे, तब नीतीश कुमार ने सीधे जनता के बीच उतरने का फैसला कर लिया।
उन्होंने चुनावी सभाओं की शुरुआत सबसे पहले की और लगातार तीन से चार सभाएं प्रतिदिन करने लगे। चुनावी अभियान में उनकी सक्रियता ने विपक्षी दलों को भी अपनी गति तेज करने पर मजबूर कर दिया।
बारिश में भी नहीं रुके — तीन जिलों में पहुंचे नीतीश कुमार
पिछले शुक्रवार को भारी बारिश के कारण ज्यादातर नेताओं के हेलीकॉप्टर नहीं उड़ सके और वे पटना में ही रुक गए। मगर नीतीश कुमार रुके नहीं। उन्होंने बारिश के बावजूद समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी जिलों का दौरा किया। जनता से सीधे संवाद किया और दरभंगा में रोड शो भी निकाला। इस तरह वे इस विधानसभा चुनाव में रोड शो करने वाले पहले नेता बन गए।
सुबह-सुबह वीडियो संदेश से किया प्रचार की नई शुरुआत
शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक वीडियो संदेश जारी कर दिया। इस वीडियो में उन्होंने बिहार की जनता से अपने पुराने वादों और उपलब्धियों की चर्चा की। 2005 से पहले की स्थिति याद दिलाते हुए उन्होंने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि व्यवस्था, सड़क और बिजली जैसी योजनाओं को सामने रखा।
वीडियो के ज़रिए प्रचार करने की इस नई पहल से वे चुनाव प्रचार में डिजिटल माध्यम का सबसे पहले उपयोग करने वाले नेता भी बन गए।
सोशल मीडिया पर भी सबसे सक्रिय नेता बने नीतीश
नीतीश कुमार इस बार सोशल मीडिया पर भी बेहद सक्रिय हैं। अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर वे लगातार विकास योजनाओं की चर्चा कर रहे हैं — सड़क, बिजली, पानी से लेकर महिलाओं के सशक्तिकरण तक। वे हर सेक्टर पर विस्तार से पोस्ट साझा कर रहे हैं।
स्वास्थ्य को लेकर उठे सवालों का दिया जवाब मैदान में उतरकर
चुनाव से पहले चर्चा थी कि स्वास्थ्य कारणों से इस बार नीतीश कुमार प्रचार में कम सक्रिय रहेंगे। मगर उन्होंने इन अटकलों को पूरी तरह गलत साबित कर दिया। वे हर सभा में लगभग एक घंटे तक बोल रहे हैं, जनता से संवाद कर रहे हैं और अपने विरोधियों पर भी तीखे हमले कर रहे हैं।
उन्होंने खासकर लालू-राबड़ी शासनकाल को ‘जंगलराज’ बताते हुए अपनी योजनाओं की तुलना उस दौर से की।




