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India News Live,Digital Desk : हैदराबाद के सांसद और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की राजनीति में बड़ा दांव खेला है। बिहार के अमौर में एक जनसभा में उन्होंने ऐलान किया कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके सामने एक अहम शर्त रखी है। ओवैसी ने साफ किया है कि सीमांचल क्षेत्र के लोगों को उनका हक और न्याय मिलना चाहिए। गौरतलब है कि हाल के चुनावों में उनकी पार्टी ने इस इलाके में 5 सीटें जीती हैं, जिसका इस्तेमाल अब वह इलाके के विकास के लिए करना चाहते हैं।

सीमा की उपेक्षा अब नहीं चलेगी: ओवैसी

बिहार के अमौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने सरकार के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सीमांचल क्षेत्र दशकों से उपेक्षा और अन्याय का शिकार रहा है। उन्होंने नीतीश कुमार को समर्थन देने की इच्छा जताई और कहा, "हम सरकार का समर्थन करेंगे, लेकिन विकास की गति राजधानी पटना और राजगीर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।" इस पिछड़े क्षेत्र में भ्रष्टाचार, बाढ़ और युवाओं के पलायन जैसी गंभीर समस्याएं हैं, जिनका अभी समाधान ज़रूरी है और सीमांचल इसका हकदार है।

ओवैसी विधायकों पर कड़ी नजर रख रहे हैं

अतीत के कड़वे अनुभवों से सीखते हुए, ओवैसी ने इस बार अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। उन्होंने साफ़ किया कि वे अपने चुने हुए विधायकों के कामकाज पर कड़ी नज़र रखेंगे। ओवैसी ने कहा, "हमारे सभी पाँचों विधायकों को हफ़्ते में 2 दिन अपने दफ़्तरों में बैठना होगा और पारदर्शिता के लिए उन्हें अपनी 'लाइव लोकेशन' भी मेरे साथ साझा करनी होगी।" इसके अलावा, ओवैसी ने ख़ुद भी हर 6 महीने में इन इलाकों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करने का वादा किया है।

अतीत की पुनरावृत्ति को रोकने का प्रयास

2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 सीटें जीती थीं, लेकिन उस समय 4 विधायक दलबदल कर तेजस्वी यादव की RJD में शामिल हो गए थे। इस बार भी सीमांचल की जनता ने ओवैसी पर भरोसा जताया है। हालाँकि, कुल मिलाकर जब बिहार में NDA ने 14 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया है, तो ओवैसी का समर्थन रणनीतिक माना जा रहा है।

सीमांचल का भौगोलिक और राजनीतिक महत्व

चुनाव नतीजों से साबित होता है कि सीमांचल क्षेत्र में AIMIM की पकड़ मज़बूत है। इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है और कोसी नदी के उफान के कारण अक्सर बाढ़ आती रहती है। यहाँ की ज़्यादातर आबादी ग्रामीण और पिछड़ी है। ओवैसी अब इन्हीं मुद्दों को सरकार के सामने रखकर नीतीश कुमार के दसवें कार्यकाल में अपने इलाके के लिए कोई पैकेज या सुविधाएँ हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।