हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में पूर्व स्नातक संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्नातक संगम में 570 पूर्व छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि व्यक्ति, समाज व देश आपकी शिक्षा से लाभान्वित हों, तभी आपकी शिक्षा सार्थक होती है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि विश्वविद्यालय में पंचकर्म, षट्कर्म, पंचमहाभूत का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की भी योजना है आैर हमारी भावी योजनाओं में देश के लगभग सभी जिलों में पतंजलि वेलनेस केन्द्र स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसमें पतंजलि के विद्यार्थियों को वरीयता दी जाएगी। इससे लाखों रोजगार का सृजन होगा। भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से भी भविष्य में लगभग एक लाख योग शिक्षकों की आवश्यकता होगी।
इस माैके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि शिक्षा उपरान्त वास्तविक परिवेश के साथ आपका सामना हो रहा है। योग आपके मनोबल, आत्मबल, आंतरिक सामर्थ्य को बनाए रखने का सर्वोत्तम साधन है। इस साधन का आपने आलम्बन लिया है, यह कभी कमजोर न पड़ जाए, क्षीण न हो जाए इसके लिए आपको प्रयासरत रहना है। योग जीवन में वर्तमान रखने की प्रक्रिया है, अतः हमें योग से विमुख नहीं होना है।
पूर्व स्नातक संगम में उपस्थित केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के सहायक प्राध्यापक डॉ. कुलदीप सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ कार्यरत योग प्रशिक्षक अमित सिंह, संगम विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका शुभांगी शर्मा, महिमा तिवारी, मीनाक्षी सहरावत, स्मिता वर्मा इत्यादि अनेक पुरातन छात्र-छात्राएं देश-विदेश में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ. सत्येन्द्र मित्तल, परामर्शदाता डॉ. के.एन.एस. यादव, कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया, कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ए.के. सिंह एवं विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण व प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वामी परमार्थदेव ने किया।