Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंचांग के अनुसार दिसंबर में पहला प्रदोष व्रत 2 दिसंबर को और दूसरा प्रदोष व्रत 17 दिसंबर को है। इसलिए इस दिसंबर में प्रदोष व्रत का महत्व काफी बढ़ गया है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की एक साथ पूजा करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दोनों की एक साथ पूजा करने से फल मिलता है।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके हल्के रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन व्रत रखकर सूर्यास्त के बाद पूजा की तैयारी शुरू करनी चाहिए। इस दिन मंदिर जाकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें। मूर्ति पर कुमकुम, चंदन और पुष्प अर्पित करें और गंगाजल अर्पित करें। "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
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