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लखनऊ, 18 मार्च । ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा की सख्त चेतावनी के बावजूद हड़ताल करने वाले बिजली कर्मचारियों पर कोई असर नहीं है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने 72 घंटे के हड़ताल को अनिश्चित कालीन हड़ताल में बदलने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने कहा है कि यदि कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गयी तो पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।

Strike of Electricity Workers in UP

संघर्ष समिति ने शनिवार को भी हड़ताल जारी रखा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अनुसार अनपरा बिजली घर में 500 मेगावाट क्षमता की एक और इकाई बिजली कर्मियों के काम पर न जाने के कारण बन्द करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त ओबरा ताप बिजली घर की कुल 1000 मेगावाट क्षमता की पांच इकाईंयों ने पूरी तरह काम करना बन्द कर दिया है। अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की तीन इकाईयां हड़ताल के पहले दिन कल बन्द हो गयी थीं। पारीछा ताप बिजली घर में भी कल 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई बन्द करनी पड़ी थी। इस प्रकार उत्पादन निगम में 2950 मेगावाट क्षमता की 12 ताप बिजली इकाईयां अब तक बन्द हो चुकी हैं।

पारेषण की कई लाइनें बन्द हो गयी हैं और 33केवी वितरण उपकेन्द्रों पर बिजली कर्मियों के न होने के कारण बिजली वितरण की व्यवस्था चरमरा रही है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री जी से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि निविदा और संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है। बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं किन्तु उक्त दमनात्मक कदमों से यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है।

राजधानी लखनऊ में शत-प्रतिशत कर्मचारी सड़कों पर उतरे एवं समस्त ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं व सभी जनपदों के लगभग एक लाख बिजलीकर्मियों ने हड़ताल में सम्मिलित होकर विरोध प्रदर्शन किया।