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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट को सतही और अधूरी बताते हुए अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील ने आरोप लगाया है कि सीबीआई ने चार्जशीट में सहायक दस्तावेज़ संलग्न नहीं किए हैं। वकील का दावा है कि जाँच एजेंसी ने कई अहम सबूतों को नज़रअंदाज़ किया है। सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशांत ने आत्महत्या की थी और रिया चक्रवर्ती या किसी अन्य आरोपी के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रिया ने सुशांत के पैसों या सामान का कोई दुरुपयोग नहीं किया और सुशांत ख़ुद अपने परिवार पर भरोसा करते थे।

पारिवारिक वकील क्या कहते हैं?

सुशांत के पारिवारिक वकील वरुण सिंह का कहना है कि सीबीआई की रिपोर्ट अधूरी है। उन्होंने कहा, "अगर सीबीआई सच दिखाना चाहती थी, तो उसे चैट, गवाहों के बयान, बैंक रिकॉर्ड और मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश करनी चाहिए थी। यह जाँच सिर्फ़ एक फ़र्ज़ीवाड़ा है। हम इसके ख़िलाफ़ अदालत में विरोध याचिका दायर करेंगे।" सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में मार्च में पटना कोर्ट में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट दे दी गई थी। सीबीआई ने पटना कोर्ट में सुशांत के परिवार द्वारा रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में और मुंबई कोर्ट में रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत की बहन और परिवार के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है।

सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार, सुशांत ने आत्महत्या की और रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को पूरी तरह से बरी कर दिया गया है। सीबीआई जांच में पाया गया है कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। जांच के अनुसार, कोई भी आरोपी सुशांत के साथ नहीं रहता था या 8 जून, 2020 और 14 जून, 2020 (जिस दिन सुशांत का शव उनके बांद्रा के फ्लैट में छत के पंखे से लटका मिला था) के बीच की अवधि के दौरान मौजूद नहीं था। रिया और उनके भाई शोविक ने 8 जून को सुशांत का घर छोड़ दिया और उसके बाद कभी सुशांत के फ्लैट पर नहीं गए। सुशांत ने 10 जून को दोपहर 2:14 बजे व्हाट्सएप पर शोविक से बात की, लेकिन सुशांत ने 8 से 14 जून के बीच रिया से बात, चैट या कॉल नहीं की।

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सुशांत रिया या उसके परिवार से मिले थे। श्रुति मोदी (सुशांत की मैनेजर) ने फरवरी 2020 में पैर में फ्रैक्चर होने के बाद सुशांत के फ्लैट पर जाना बंद कर दिया था। सुशांत की बहन मीतू सिंह 8 जून से 12 जून तक सुशांत के साथ फ्लैट में रहीं। जाँच एजेंसी को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि जाँच में शामिल किसी भी आरोपी ने सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया, दबाव डाला या धमकी दी।

जांच का वित्तीय दृष्टिकोण
जब रिया 8 जून को अपने भाई शौविक के साथ सुशांत का फ्लैट छोड़कर गई, तो वह अपने साथ एक एप्पल लैपटॉप और एक एप्पल कलाई घड़ी ले गई, जो सुशांत ने उपहार में दी थी। जांच में सुशांत की जानकारी के बिना सुशांत की संपत्ति से कुछ भी चोरी होने का कोई सबूत नहीं मिला। सुशांत अप्रैल 2018 से जून 2020 तक रिया के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थे। सुशांत के कहने पर, उनके मैनेजर ने अक्टूबर 2019 में यूरोप ट्रिप के लिए रिया और सुशांत के लिए टिकट बुक किए थे। सुशांत ने सिद्धार्थ पिठानी (सुशांत के रूममेट) को बताया था कि रिया परिवार का हिस्सा है। इसलिए, रिया पर किया गया खर्च भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत नहीं आ सकता। रिया को कोई चल संपत्ति नहीं दी गई थी। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रिया या उसके परिवार ने सुशांत सिंह राजपूत को किसी भी तरह से आत्महत्या करने की धमकी दी या दबाव डाला। पटना कोर्ट 20 दिसंबर को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करेगा।