Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शादी का समय घर में खुशियाँ लेकर आता है। इस दौरान कई परंपराएँ और रस्में निभाई जाती हैं। इनमें विदाई भी शामिल है। हालाँकि, यह एक बेहद भावुक पल होता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि सभी रस्मों की तरह विदाई भी शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए।
विवाह संपन्न होने के बाद, लड़की अपने माता-पिता का घर छोड़कर ससुराल चली जाती है। एक नए जीवन की शुरुआत। विदा होते समय, माता-पिता अपनी बेटी को आशीर्वाद देते हैं कि वह दोनों परिवारों का नाम रोशन करेगी और उनका सम्मान बढ़ाएगी।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, माता-पिता को अपनी बेटी की विदाई के लिए शुभ मुहूर्त निकालना चाहिए। इससे बेटी के वैवाहिक जीवन में किसी भी अनहोनी की आशंका दूर होती है। व्यासजी बताते हैं कि शुभ तिथि, नक्षत्र, वार और योग में बेटी की विदाई करने से उसका वैवाहिक जीवन और भविष्य सुख-समृद्धि से भरपूर होता है। इससे दोनों परिवारों में खुशहाली आती है। इसलिए विदाई शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए।
शुक्रवार और रविवार को बेटी की विदाई के लिए शुभ दिन माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, सोमवार, गुरुवार और शनिवार भी शुभ होते हैं। हालाँकि, बुधवार को विदाई देने से बचना चाहिए।
बुधवार, शनिवार या काममूर्त के दिन अपनी बेटी को विदा नहीं करना चाहिए। इन दिनों में बेटी को विदा करना अशुभ माना जाता है।




