देहरादून। उत्तराखंड के स्थायी उद्यमियों के लिए पर्यटन व्यवसाय में कदम रखने के लिए पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 सुनहरा अवसर है। पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पयर्टन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। इसके तहत स्थायी निवासियों को न्यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक होगा।
राज्य मंत्रिमंडल की ओर से उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 को मंजूरी प्रदान की गयी है। राज्य के छोटे व मझौले निवेशकों जिनके पूंजी निवेश की सीमा 5 करोड़ या उससे कम है, को लाभन्वित किये जाने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 प्रारम्भ की गयी है।
योजना के तहत पूंजी अनुदान, ब्याज सहायता प्रतिपूर्ति और स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति सम्मिलित है। योजना का लाभ उठाने के लिए प्रदेश को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। जिनमें अधिकतम पूंजी अनुदान की राशि श्रेणी विशेष के अनुसार 80 लाख से 1.50 करोड़ तक प्राविधानित है। इसी अनुरूप ब्याज अनुदान 3 प्रतिशत अधिकतम, 4 लाख से 6 लाख प्रति वर्ष प्रति इकाई निर्धारित है। पूंजी उपादान और ब्याज उपादान के अतिरिक्त इकाई स्थापित करने के लिए स्टाम्प शुल्क की शत् प्रतिशत प्रतिपूर्ति योजना का महत्वपूर्ण अंग है।
राज्य के स्थायी उद्यमियों के लिए लागू इस योजना की आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एकल खिड़की सुगमता की ओर से ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किये जायेंगे। आवेदन स्वीकृति के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जायेगा।
पर्यटन विभाग की ओर से पूर्व से ही स्थानीय बेरोजगारों के लिए वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना संचालित की जा रही है, जिसमें अधिकतम 33 लाख तक के अनुदान का प्राविधान है। वहीं प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से पर्यटन नीति-2023 गत् वर्ष प्रारम्भ की गयी थी, जिसमें 5 करोड़ या उससे अधिक के पर्यटन/आतिथ्य परियोजनाओं को सृजित कर 100 प्रतिशत अनुदान प्राप्त किया जा सकता था।
योजना 2030 तक प्रभावी रहेगी: सचिन कुर्वे
सचिव पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद सचिन कुर्वे ने बताया कि इस योजना से राज्य में पर्यटन विकास के साथ-साथ प्रदेश के स्थायी निवासियों के लिए स्थायी रोजगार सृजित करने का भी उद्देश्य है। योजना का लाभ उठाने वाले उद्यमियों को प्रदेश के स्थायी निवासियों को न्यूनतम 70 प्रतिशत स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। यह योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि से 31 मार्च 2030 तक प्रभावी रहेगी।