GST छापों के विरोध में सोमवार को व्यापारी सड़कों पर उतर आए। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उप्र के बैनर तले व्यापारियों ने GST कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद सीएम को संबोधित ज्ञापन GST एडिशनल कमिश्मनर को सौंपकर छापे रोकने की मांग उठाई।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उप्र के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में सोमवार को व्यापारियों ने GST कार्यालय पर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने सीएम को संबोधित ज्ञापन एडिशनल कमिश्नर को सौंपकर तत्काल प्रभाव से GST छापे रोकने की मांग उठाई।
एक व्यापारी ने कहा कि वाणिज्यकर विभाग के अफसरों द्वारा बाजारों में जाकर सरकार से प्राप्त सूची बताकर 40 लाख से कम टर्नओवर का व्यापार करने वाले व्यापारियों के यहां सर्वे-छापे के नाम पर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई से व्यापारियों में भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि GST लागू होने के बाद दो साल निरंतर लॉकडाउन का प्रभाव रहा है, जिससे व्यापार जगत में भारी अस्थिरता का माहौल है। अब किसी प्रकार व्यापारी संभलना शुरू हुआ है।
GST अफसरों द्वारा पंजीयन बढ़ाने के नाम पर की जा रही कार्रवाई पूरी तरह से गलत है, क्योंकि वैट में पांच लाख तक का व्यापार करने वाले व्यापारी को ही रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त थी, लेकिन GST में 40 लाख तक का व्यापार करने वाले व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन से छूट प्राप्त है। वैट के मुकाबले GST में पंजीकरण भारी संख्या में बढ़े हैं तथा सरकार को भी हर महीने लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि व्यापारी देश हित में बढ़-चढ़ कर राजस्व में योगदान दे रहा है।
व्यापारियों ने सीएम से मांग करते हुए कहा कि यदि GST विभाग सभी व्यापारियों का GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करना चाहता है, तो पहले उसे GST काउन्सिल को प्रस्ताव भेजना पड़ेगा।