लखनऊ।। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज के तहत विभिन्न विभागों की परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए 200 करोड़ से ज्यादा धनराशि प्रदान करने का अनुमोदन किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बुंदेलखंड पैकेज के कार्यों के लिए 225 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है।
बुंदेलखंड पैकेज के तीसरे चरण में 06 विभागों में से 03 विभागों के सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अवशेष कार्यों को पूर्ण कराए जाने के लिए 60.70 करोड़ तथा विभागों द्वारा इंगित बचतों को सम्मिलित करते हुए कुल 116.72 करोड़ की धनराशि सदुपयोग किए जाने के लिए उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में बुंदेलखंड पैकेज के कार्यों के लिए 225 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है।
विभिन्न प्रस्तावों को मिली हरी झंडी
हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बुंदेलखंड पैकेज की समीक्षा की गई। उसमें पशुधन, कृषि और नमामि गंगे तथा ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया गया। मुख्य सचिव ने दुग्ध विकास विभाग द्वारा बांदा में 01 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी प्लांट के लिए 103.16 करोड़ की स्वीकृत प्रदान की। साथ ही महिला समृद्धिकरण ब्रायलर पालन योजना के अपूर्ण कार्यों के लिए 43.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की।
इसी तरह, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जल आपूर्ति द्वारा बुंदेलखंड में चेकडैम, तालाबों का आधुनिकीकरण एवं ब्लास्ट कूपों (225 नग) के निर्माण के लिए 17.14 करोड़ की स्वीकृति दी गयी। कृषि विभाग द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग चेक डैम एवं मल्टीपरपज फार्म पांड परियोजना के लिए 42.79 करोड़ का अनुमोदन प्रदान किया।
तृतीय चरण में अब तक खर्च किए गए 756 करोड़
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अब बुंदेलखण्ड विकास के मामले में पीछे नहीं रहेगा। बुंदेलखंड पैकेज के तीसरे चरण के अंतर्गत 65 करोड़ के उद्यान विभाग के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। वहीं कृषि विभाग के 25 करोड़ से अधिक के कार्य भी पूरा कर लिए गए हैं। 255 करोड़ से अधिक के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की परियोजनाओं को भी पूरा किया जा चुका है। पशुधन विभाग के 55 करोड़ से ज्यादा के 02 कार्य पूरे किए जा चुके हैं। तो 44 करोड़ की एक परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई है।
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग से संबंधित तीन परियोजनाओं पर 247 करोड़ खर्च किए गए हैं। दुग्ध विकास से संबंधित परियोजनाओं पर 107 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिनमे एक परियोजना के क्षमता विस्तार की रूपरेखा बन रही है। कुल मिलाकर तृतीय चरण में विभिन्न परियोजनाओं के लिए 917 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए जिसमें से 756 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। 100 करोड़ से ज्यादा की राशि विभागों द्वारा बचाई गई है।