
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। योगी ने कहा कि अखिलेश का यह बयान मिट्टी के शिल्पकारों और प्रजापति समाज का अपमान करने जैसा है। उन्होंने इसे लेकर गहरा तंज किया और कहा कि “गद्दी विरासत में मिलती है, बुद्धि नहीं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दीपोत्सव के दौरान बनाए जाने वाले दीप केवल पूजा-पाठ का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि इससे प्रजापति समाज को स्वावलंबन का अवसर मिलता है और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने का संदेश भी मजबूत होता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'विचार परिवार कुटुंब स्नेह मिलन' कार्यक्रम को संबोधित किया, जो योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ था।
योगी ने सपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह पार्टी राष्ट्रद्रोही, समाजद्रोही और सनातन धर्म विरोधी रही है। उन्होंने अतीत के उदाहरण देकर याद दिलाया कि जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा था, तब अखिलेश यादव सैफई में दुर्योधन की प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि रामभक्त उस समय की सपा सरकार के रवैये को कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल रिकॉर्ड छह करोड़ लोग रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।
योगी ने प्रयागराज महाकुंभ का भी उल्लेख किया और बताया कि आयोजन शुरू होने पर भी सपा के लोग नकारात्मक प्रचार करने में लगे रहे, लेकिन जनता ने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि आज भी कुछ लोग जातिवादी वैमनस्यता, लव जेहाद और मतांतरण जैसे मुद्दों पर अभियान चला रहे हैं, जिन्हें रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विखंडन के लिए काम करने वाले लोगों को पहचानना और रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने बलरामपुर के छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का उदाहरण देते हुए उन महापुरुषों का भी ज़िक्र किया जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित किया, जैसे राणा सांगा, राणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह, और कहा कि ये वो योद्धा थे जिन्होंने इस्लामिक राजनीति का विरोध किया।
योगी आदित्यनाथ का संदेश स्पष्ट था: समाज और संस्कृति के प्रति सम्मान बनाए रखना और देशभक्ति के मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।