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भारत मे 18 साल से नीचे की उम्र के लिए मिली पहली वैक्सीन.

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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की रफ्तार में गिरावट जरूर आई है लेकिन अभी भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का खतरा टला नहीं है. देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर का भय अभी भी बना हुआ है. इस कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में भारत के पास शुक्रवार को एक और शस्त्र मिल गया. देश को अब 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीन मिल गई है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने जायडस कैडिला (Zydus Cadila ) की तीन डोज वाली वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. यह एक डीएनए वैक्सीन (DNA vaccine) है. अब भारत के पास कुछ छह कोरोना वैक्सीन है.

कंपनी ने कहा कि उसकी रणनीति सालाना वैक्सीन की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है और अभी से वैक्सीन का स्टॉक बनाना शुरू हो गया है. जायडस कैडिला ने अपनी तीन डोज वाली वैक्सीन को देशभर में 28000 से अधिक स्वयंसेवक पर ट्रायल किया था. परीक्षण के दौरान वैक्सीन वायरस के खिलाफ 66.6 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई थी. Zydus ने डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर बनाई है वैक्सिन।

जायडस कैडिला वैक्सीन से पहले देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पुतनिक वी, मॉडर्ना और जानसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. कंपनी ने 1 जुलाई को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था. एक विज्ञप्ति के अनुसार जायडस कैडिला ने वैक्सीन का ट्रायल 28000 हजार से अधिक लोगों पर किया था जो कि अभी तक भारत में सबसे बड़ा टीका परीक्षण है.

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