आईएमडी ने कहा, ‘अगले 4-5 दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों में छिटपुट वर्षा की गतिविधि की संभावना है. 30 अगस्त, 2021 को उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की भी संभावना है.’ आईएमडी ने कहा कि भारी बारिश के दौरान मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के निचले इलाकों में स्थानीय स्तर पर बाढ़, सैलाब और जलभराव हो सकता है. मौसम विभाग ने कहा कि इन राज्यों में भूस्खलन, दृश्यता में कमी, कमजोर ढांचे और खड़ी फसलों को नुकसान होने की संभावना है.
आईएमडी ने रविवार को उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. राज्य में शनिवार रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे कई जगहों पर भूस्खलन और जलभराव हो गया है. आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 राज्य राजमार्ग सहित 200 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं और उन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है.
इस बीच, अगस्त में अब तक 26 प्रतिशत कम वर्षा होने और लगातार दो महीने में कम बारिश से इस साल मॉनसून की बारिश के औसत से नीचे रहने की आशंका है. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में बारिश सामान्य से सात फीसदी कम रही. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, ‘अगस्त में कल (28 अगस्त) तक बारिश में 26 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.’ बारिश में यह कमी उत्तर और मध्य भारत में दर्ज की गई है. जून में 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई.