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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया और बसों में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया। इससे एक दिन पहले, सोमवार को उम्मीदवारों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर भी विरोध प्रदर्शन किया था।

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप और प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने आरोप लगाया कि इस भर्ती मामले में सरकार गंभीर नहीं है। उनका कहना है कि 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तय थी, लेकिन यह मामला सूची से ही बाहर कर दिया गया और सरकार ने वहां कोई पक्ष नहीं रखा।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वे अब लखनऊ में लगातार धरना-प्रदर्शन करेंगे और तभी आंदोलन खत्म करेंगे जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराती। वहीं, संगठन की महिला प्रवक्ता पूनम यादव ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की अनदेखी करने वाले अधिकारियों की संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए।