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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : सऊदी अरब ने एक बार फिर मौत की सज़ा का सहारा लेकर दुनिया को चौंका दिया है। हाल ही में, एक ही दिन में 8 लोगों को फांसी पर लटका दिया गया, जिनमें से ज़्यादातर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले अपराधी थे। इस घटना के साथ, 2025 में अब तक मौत की सज़ा पाए लोगों की संख्या 230 को पार कर गई है, जो 2024 के कुल आंकड़े को पार करने की संभावना को दर्शाता है। सरकार ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस कठोर कदम को ज़रूरी बताया है।

सऊदी अरब में एक ही दिन में 8 लोगों को फाँसी दी गई, जिनमें 7 विदेशी नागरिक (चार सोमालियाई और तीन इथियोपियाई) शामिल थे, जिन्हें मादक पदार्थों की तस्करी का दोषी पाया गया था, जबकि एक सऊदी नागरिक को अपनी माँ की हत्या का दोषी पाया गया था। इस साल अब तक कुल 230 लोगों को फाँसी दी जा चुकी है, जिनमें 154 मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में हैं। यह आंकड़ा 2024 में 338 फाँसी के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि 2023 में शुरू हुए "ड्रग्स के खिलाफ युद्ध" अभियान का नतीजा है।

नशीली दवाओं और हत्या के अपराधियों के लिए सजा

इन आठ फाँसी में से सात विदेशी नागरिकों (चार सोमालियाई और तीन इथियोपियाई) को दक्षिणी क्षेत्र में "हशीश की तस्करी" के जुर्म में फाँसी दी गई। इन सभी को नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों का दोषी ठहराया गया था। इसके अलावा, एक सऊदी नागरिक को अपनी माँ की हत्या के जुर्म में मौत की सज़ा सुनाई गई थी।

मृत्युदंड का रिकॉर्ड बढ़ रहा है

एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक सऊदी अरब में 230 लोगों को फाँसी दी जा चुकी है। इनमें से 154 को नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों का दोषी ठहराया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के अंत तक यह संख्या 2024 में हुई 338 फाँसी के रिकॉर्ड को भी पार कर सकती है। फाँसी की संख्या में यह वृद्धि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा 2023 में शुरू किए गए "ड्रग्स के खिलाफ युद्ध" अभियान के कारण है।

समयरेखा: नशीली दवाओं से संबंधित फांसी:

  • 2019-2022: करीब 3 साल तक ड्रग मामलों में मौत की सजा पर रोक रही।
  • 2022: ड्रग मामलों में 19 लोगों को फांसी दी गई।
  • 2023: केवल 2 लोगों को फांसी दी गई।
  • 2024: मादक पदार्थ मामले में 117 लोगों को फांसी दी गई।
  • 2025: अब तक ड्रग मामलों में 154 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।

सरकार की आलोचना और बचाव

मानवाधिकार कार्यकर्ता सऊदी अरब की मृत्युदंड नीति की लगातार आलोचना करते रहे हैं और कहते हैं कि यह विज़न 2030 के तहत "खुले और सहिष्णु समाज" के निर्माण के क्राउन प्रिंस के सपने को कमजोर करती है। हालांकि, सऊदी सरकार ने अपनी नीति का बचाव करते हुए कहा है कि "सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए मृत्युदंड आवश्यक है और सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही इसे लागू किया जाता है।"