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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान तथा उनके बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म को दो पैनकार्ड मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई है। फैसला आने के बाद दोनों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया।

यह मामला छह साल पुराना है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। 6 दिसंबर 2019 को दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आज़म ने अलग-अलग जन्मतिथि दिखाकर दो अलग पैनकार्ड बनवाए। एक पैनकार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 लिखी हुई है।

विधायक का कहना था कि गलत दस्तावेज़ों के आधार पर पैनकार्ड जारी कराए गए और उन्हें उपयोग में भी लिया गया। मामले की जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था। यह सुनवाई एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही थी।

न्यायाधीश शोभित बंसल ने इस मामले में दोनों को दोषी करार दिया। फैसले को लेकर पूरे दिन कचहरी परिसर में भीड़ बनी रही। भाजपा और सपा समर्थक—दोनों पक्ष—निर्णय सुनने के इंतजार में पहले से ही जमा होने लगे थे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।